ग्वालियर । प्रतियोगी परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के लिए बदनाम होते ग्वालियर के थाटीपुर का रहने वाला कियोस्क सेंटर संचालक पटवारी भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड निकला है। उसने अपने एक साथी के साथ मिलकर मूल परीक्षार्थी के आधार कार्ड में ही साल्वर के थंब इंप्रेशन फीड कर साल्वर को परीक्षा में बैठाने की तैयारी कर ली थी। लेकिन इससे पहले ही वह और उसके तीन साथी पकड़े गए। आगरा का एक साल्वर भी पकड़ा गया है, जिसके थंब इंप्रेशन की क्लोनिंग कर परीक्षार्थी के आधार कार्ड में फीड करने की तैयारी थी। इस मामले में अंतत: तीन दिन बाद क्राइम ब्रांच ने एफआइआर दर्ज कर ली।
कियोस्क सेंटर, साल्वर सहित चार लोगों पर एफआइआर दर्ज की गई है। इन लोगों को एफआइआर दर्ज करने के बाद क्राइम ब्रांच की टीम ने कोर्ट में पेश किया, यहां से इन्हें पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस ने कियोस्क सेंटर संचालक और उसके एक साथी पर एफआइआर दर्ज की है, जबकि साल्वर और एजेंट का नाम मेमोरेंडम में बढ़ाया है। क्योंकि इन्हें कियोस्क सेंटर से गिरफ्तार नहीं किया गया था। एएसपी क्राइम राजेश दंडोतिया ने बताया कि चारों आरोपितों से अभी पूछताछ चल रही है। इनके लैपटाप जब्त कर लिए गए हैं। इसकी पड़ताल सायबर एक्सपर्ट से करवाई जा रही है। साथ ही इनके आफिस की भी तलाशी ली जाएगी। जिससे यह पता लग सके कि इस तरह इन लोगों ने और कितने परीक्षार्थियों की जगह साल्वर बैठाए हैं। हालांकि अभी यह लोग मुंह खोलने को तैयार नहीं है। अभी इस मामले में और भी आरोपित पकड़े जा सकते हैं। क्योंकि पुलिस को जो इनपुट मिला है, उसके अनुसार पटवारी भर्ती परीक्षा शुरू होते ही यह गैंग सक्रिय हो गई थी। इस गैंग के कई एजेंट शहर में सक्रिय हैं।
ये पकडे गए, यह रहा इनका रोल
1 वीरभान बंसल उम्र 34 वर्ष, निवासी शीतला मंदिर के पास, सुरेश नगर थाटीपुर: वीरभान बंसल कियोस्क सेंटर संचालक है। बंसल आफसेट के नाम से उसकी मयूर मार्केट में दुकान है। यही मास्टरमाइंड है, जो थंब इंप्रेशन के क्लोन बनाकर इसे मूल परीक्षार्थी के आधार कार्ड में बायोमैट्रिक मशीन के जरिये फीड कर रहा था। जिससे साल्वर का थंब प्रिंट परीक्षा के समय मैच हो जाए।
2 मनीष शर्मा उम्र 26 वर्ष, निवासी सबलगढ़ मुरैना, हाल निवासी शिवनगर कुम्हरपुरा थाटीपुर: यह मूल रूप से मुरैना का रहने वाला है। वीरभान बंसल का राइट हैं। यह तकनीकि रूप से स्ट्रांग है, लैपटाप के जरिये यही आधार कार्ड में हेरफेर का काम करता है।
3 कृष्णवीर, उम्र 28 वर्ष, निवासी आगरा: यह साल्वर है। इसी के थंब इंप्रेशन का क्लोन माम और फेविकोल के जरिये तैयार किया गया था। 9 अप्रैल को जिस परीक्षार्थी की जगह यह बैठने वाला था, उसके आधार कार्ड में इसका फिंगरप्रिंट फीड किया जा रहा था। इसके थंब इंप्रेशन के तीन क्लोन मिले हैं।
4 रिंकू उम्र 25 वर्ष, निवासी मुरैना: यह एजेंट है। जो वीरभान बंसल के कहने पर कोचिंग सेंटर के आसपास घूमकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोगों को फंसाता था। उनकी जगह साल्वर बैठाकर परीक्षा पास कराने का झांसा लेता था।
ऐसे करते हैं फर्जीवाड़ा
यह लोग सबसे पहले साल्वर ढूंढते हैं। इसके बाद मूल परीक्षार्थी का आधार कार्ड लेते हैं, उसमें थंब इंप्रेशन ही बदल देते हैं। यह लोग साल्वर का थंब इंप्रेशन आधार कार्ड में फीड कर देते हैं। इससे जिस समय साल्वर परीक्षा देने जाता है तो वह बायोमैट्रिक पर थंब इंप्रेशन मैच हो जाता है।
ग्वालियर
पटवारी भर्ती में आधार कार्ड में ही साल्वर के थंब इंप्रेशन फीड कर फर्जीवाड़े की थी तैयारी
- 06 Apr 2023