वाराणसी। भगवान शंकर की जटा से निकलने वाली गंगा की मिट्टी से प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र काशी में एटमी (परमाणु हथियारों से संपन्न) देशों को पर्यावरण सुरक्षा का पाठ पढ़ाने की तैयारी है। क्रिसमस-डे के मौके पर गंगा की मिट्टी से बने यीशु और मरियम की मूर्तियां पर्यावरण की सुरक्षा का संदेश देंगी।
कई पुरस्कार से नवाजे जा चुके बद्री प्रजापति ने अपनी पोती रीमा के कहने पर इसे बनाया है। वाराणसी के लक्सा निवासी बद्री ने बताया कि वे बचपन से ही मूर्तियां बना रहे हैं। यह हुनर उन्होंने अपने पिता से सीखा था। इन मूर्तियों को बनाने में करीब एक माह का समय लगा है।
गंगा की मिट्टी और वाटर वर्निश से बनी मूर्तियों में लगभग 10 हजार का खर्च आता है। आग में पकी मूर्तियों में रंग भरने के बाद इनका प्रदर्शन क्रिसमस डे यानी 25 दिसंबर को होगा। यह प्रयास पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर है। इसका उद्देश्य प्लास्टिक का इजाद करने वाले इंग्लैंड और अमेरिका के साथ-2 एटमी देशों को इसके प्रति जागरूक करना है।
बता दें कि बनारस के ज्ञान प्रवाह म्यूजियम में रखी बद्री की कलाकृतियों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देख व सराह चुके हैं। बद्री लाखों मूर्तियां बना चुके हैं।
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पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देंगी गंगा नदी की मिट्टी से बनी मूर्तियां
- 19 Dec 2019