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पश्चिम अफ्रीकी देश में मिला घातक 'मारबर्ग' वायरस का पहला मामला, लोगों में दहशत

  • 10 Aug 2021

जिनेवा। दुनिया में कोरोना महामारी का संकट अभी खत्म भी नहीं हुआ कि एक नया खतरा उत्पन्न हो गया है। दरअसल पश्चिम अफ्रीकी देश गिनी में घातक मारबर्ग वायरस का पहला मामला सामने आया है, जिसके बाद से यहां के लोगों में दहशत का माहौल है। विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) ने इसकी पुष्टि की है। इस वायरस को इबोला और कोरोना से भी अधिक खतरनाक माना जा रहा है। यह जानवरों के मेजबान से मनुष्यों में भी फैल सकता है।
बता दें कि इस वायरस से दो अगस्त को दक्षिणी गुएकेडौ प्रांत में एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई थी जिसके बाद से लोग डरे हुए हैं। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह वायरस संभवतः चमगादड़ से फैलता है और इसकी मृत्यु दर 88 फीसदी तक होती है। अफ्रीका के डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मात्शिदिसो मोएती ने कहा मारबर्ग वायरस के दूर-दूर तक फैलने की संभावना का मतलब है कि हमें इसे जल्द से जल्द रोकने की जरूरत है। 
इस वायरस की खोज डब्ल्यूएचओ द्वारा गिनी के इबोला के दूसरे प्रकोप को समाप्त करने की घोषणा के ठीक दो महीने बाद आई है, जो पिछले साल शुरू हुआ था और इसमें 12 लोगों की जान चली गई थी। जिनेवा में, डब्ल्यूएचओ ने कहा कि वह राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर खतरे को उच्च मानता है। हालांकि वैश्विक स्तर पर अभी उतना खतरनाक नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मारबर्ग वायरस आमतौर पर रौसेटस चमगादड़ की गुफाओं से जुड़ा होता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार इसका संक्रमण संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, या दूषित सतहों और सामग्रियों के संपर्क में आने से फैलता है। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हम गिनी के स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा सतर्कता और त्वरित जांच कार्रवाई की सराहना करते हैं। 

साभार- अमर उजाला