जबलपुर। जबलपुर में पांच गांवों के करीब 1200 परिवार इन दिनों दहशत में जी रहे हैं। कारण- न जाने कब, कौन सी गोली उनका सीना चीर जाए। जान बचाने के लिए कुछ लोग तो गांव छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ये गांव विशेष सशस्त्र बल की फायरिंग रेंज के करीब बसे हैं। कई बार प्रैक्टिस के दौरान बंदूक की गोली गांवों में घरों तक आ जाती है।
15 दिसंबर को फायरिंग रेंज की ओर से आई गोली वधार्घाट गांव के रहने वाले दिलीप को लग गई। उसे पांच टांके आए हैं। गांव में आए दिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं। हालांकि अभी तक कोई बड़ी घटना तो नहीं हुई।
घर से निकले और गोली लग गई -
देवर दिलीप बेन मजदूरी करते हैं। शुक्रवार सुबह 8:30 बजे की बात है। दिलीप टिफिन लेकर साइकिल से काम पर जाने निकले थे। इसी दौरान घर के सामने एक के बाद एक दो गोलियां आईं। एक गोली से तो वो बच गए, लेकिन दूसरी गोली हाथ में लगी। गोली लगते ही खून बहने लगा। उस समय उनकी 10 साल की बेटी भी पास ही खड़ी थी। अच्छा हुआ कि गोली बच्ची को नहीं लगी। दो में से एक गोली तो मिल गई, लेकिन दूसरी नहीं मिली।
देवर को अस्पताल में भर्ती करवाया। ये महज एक घटना है। डर है कि कहीं किसी की जान न चली जाए। समझ नहीं आ रहा कि क्या करें? गांव का शायद ही कोई ऐसा घर होगा, जिनके आंगन में गोली आकर न गिरी हो।
दो साल पहले बनी थी फायरिंग रेंज-
पनागर क्षेत्र के रिठौरी ग्राम पंचायत के तहत चार एकड़ में एसएएफ की फायरिंग रेंज है। यहां सालभर में करीब 10 महीने सुबह से शाम तक शूटिंग की प्रैक्टिस चलती है। इस रेंज में बटालियन, आरपीएफ, जिला पुलिस, जीआरपी और बैंक सुरक्षा गार्ड की भी ट्रेनिंग होती है। रेंज में करीब 50 फीट का पहाड़ बना है। नीचे से ऊपर की ओर जवान प्रैक्टिस करते हैं।
इसी फायरिंग रेंज स्थित पहाड़ के दूसरी ओर वधार्घाट, रिठौरी, मटामर, पगरा और मझगवां गांव है। प्रैक्टिस के दौरान कई बार बंदूक की गोली इन गांवों तक पहुंच जाती है। सबसे ज्यादा प्रभावित वधार्घाट गांव है।
जांच के निर्देश दिए-
पीके सेन गुप्ता का कहना है कि घटना संज्ञान में आई है। पनागर तहसीलदार को मौके पर जाकर जांच के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा गया हैं कि फायरिंग के दौरान मौके पर मौजूद संबंधित अधिकारियों से बात कर सुनिश्चित करें कि आखिर क्यों गांव तक गोली भटक कर पहुंच रही है?
जल्द ही, फायरिंग रेंज में प्रशिक्षण देने वाले विभाग जैसे कि आरपीएफ, जीआरपी, बटालियन के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। एसडीएम ने यह भी कहा कि तहसीलदार और पटवारी प्रभावित गांवों में जाकर देखेंगे।
जबलपुर
फायरिंग रेंज से 1200 परिवार दहशत में, जबलपुर में लोग बोले- गोलियां न जाने कब सीना चीर दें, अब गांव छोड़ना पड़ेगा
- 19 Dec 2023