इंदौर। मलेंडी, मानपुर, आशापुरा और बडग़ोंदा क्षेत्र में बाघ फिर नजर आने के बाद वन विभाग सतर्क हो गया है। पिछले साल जब बाघ नजर आया था तो ठंड का सीजन था। मानसून अभी-अभी बीता है और जंगलों में 5 से 6 फीट ऊंची घास दिख रही है। बाघ आसानी से नजर भी नहीं आ रहा। ग्रामीण मवेशियों को लेकर जंगल में घास खिलाने ले जा रहे हैं। मलेंडी, आशापुरा, नंदलाई घाटी में वनकर्मी लगातार गश्त कर रहे हैं। ग्रामीणों को जंगल जाने से रोका जा रहा है।
बाघ के अलावा तेंदुआ भी इन इलाकों में शिकार कर रहा है। बाघ के द्वारा अभी तक केवल मलेंडी में एक बछड़े का शिकार करने का मामला सामने आया है, जबकि तेंदुए ने महू, मानपुर और चोरल रेंज के जंगलों में इस मानसून में ही 28 शिकार किए हैं। वहीं वन विभाग की नर्सरियों में भी प्रवेश बंद कर दिया है। पौधारोपण का सीजन खत्म हो चुका है। अनावश्यक लोग नर्सरी में घूमने आते हैं। वन विभाग को डर है कि एक बार बाघ ने इंसान का शिकार कर लिया है। वन क्षेत्र और नर्सरी का एरिया आपस में जुड़ा हुआ है।
इंदौर
फिर दिखा टाइगर, वन विभाग ने गश्त बढ़ाई, ग्रामीणों के जंगल में जाने पर लगाया प्रतिबंध
- 14 Oct 2024