इटारसी। नेशनल हाईवे-69 पर इटारसी बाघदेव से बैतूल (भारत भारती) तक फोरलेन के लिए सालों पुरानी हरियाली और हरे-भरे पेड़ काटे गए। बरेठा घाट पर पेड़ों की कटाई बची है। फोरलेन के करीब 36 किमी के दायरे में 11 हजार हरे भरे पेड़ कटने हैं। इनमें अब तक 5 हजार पेड़ काटे जा चुके हैं। सड़क किनारे पड़े पेड़ों के तने इसकी गवाही दे रहे हैं।
एनएचएआई ने 4 साल पहले प्लांटेशन और काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए 8 करोड़ रुपए कैंपा फंड में जमा कराए हैं। काटे जाने वाले इन 11 हजार पेड़ों के एवज में 10 गुना यानी 1 लाख 10 हजार पौधे लगाने का दावा है। 3 साल बाद प्लांटेनेशन शुरू होना चाहिए। हकीकत में अब तक एक पौधा भी नहीं रोपा गया है।
यह है कैंपा फंड : कैंपा कोष की स्थापना 2006 में क्षतिपूरक वनीकरण के प्रबंधन के लिए की गई थी। इसमें विकास कार्यों के लिए होने वाले पर्यावरणीय नुकसान जैसे प्लांटेशन और काटे गए पेड़ों की क्षतिपूर्ति के लिए राशि जमा करनी पड़ती है। एनएचएआई ने भी 4 साल पहले फोरलेन के सर्वे के दौरान पेड़ों के नुकसान और वैल्यूएशन के अनुसार करीब 8 करोड़ रुपए कैंपा फंड में जमा किए।
राज्य
फोरलेन के लिए हरियाली की बलि, 11 हजार पेड़ कटने हैं, 5 हजार कट चुके
- 20 Jul 2021