गोहद (भिंड)। भिंड जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग से कुछ ही दूरी पर है स्टेशनपुरा गांव। इस गांव में पिछले कुछ साल से एक रहस्यमयी बीमारी ने पैर पसारे हैं। 350 की आबादी वाले इस गांव में 45 घर है। करीब हर घर में 25 साल से अधिक उम्र के लोगों के पैरों में टेढ़ापन है। 40 की उम्र आते-आते लोगों की हड्डियां टूटने लगती हैं।
कुछ लोगों के दांत भी झड़ रहे हैं। कुछ घरों में तो बच्चों में भी ये समस्या दिखाई देती है। लोग कैल्शियम की कमी से लेकर आनुवांशिक बीमारी तक का अंदेशा लगा रहे थे लेकिन अब करीब तीन दशक से जारी इस रहस्यमयी बीमारी का पता चल गया है। ये बीमारी पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने से फैली है। स्टेट लैब भोपाल की रिपोर्ट आने के बाद इसका खुलासा हुआ है।
स्टेशनपुरा गांव के रहवासी लाठी और बैसाखी के सहारे चलने को मजबूर हैं। यहां पानी में फ्लोराइड की अधिकता से इनकी हड्डियां कमजोर हो गई हैं।
स्टेशनपुरा 1989 में बसा था। गांव के लोग एक कुएं से अपनी प्यास बुझा रहे थे। इसके बाद 1994 से लोगों में विकलांगता के लक्षण आना शुरू हुए। हड्डियां कमजोर होने से गांव में कई लोगों की मौत हो गई। गांव के दीनानाथ पिता दर्शनलाल के परिवार में पिछले 14 साल में पांच लोगों की मौत हो चुकी हैं। दीनानाथ खुद विकलांगता की बीमारी से जूझ रहे हैं। गांव के ज्यादातर लोग इस बीमारी का इलाज ग्वालियर के स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स से करा रहे हैं। गांववालों की कई बार गुहार के बाद भिंड से आकर अफसरों ने स्टेशनपुरा गांव में पानी के सैंपल लिए और जांच के लिए स्टेट लैब भोपाल में भेजे थे। अब इसकी रिपोर्ट आ गई है।
भिंड जिले के पीएचई लैब में की गई जांच में पानी में किसी भी तत्व की मात्रा अधिक या कम नहीं पाई गई थी। सभी तत्व संतुलित थे, लेकिन भोपाल की रिपोर्ट में फ्लोराइड की मात्रा चिंताजनक स्तर पर है। भोपाल लैब की ओर से भिंड जिले के पीएचई लैब को दोबारा जांच करने की सलाह भी दी गई है।
ग्रामीणों को हैंडपंप का पानी नहीं पीने की सलाह-
भिंड के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री आरके राजपूत और गोहद एसडीओ भूपेश अगर ने स्टेशनपुरा के ग्रामीणों को यहां लगे हैंडपंपों का पानी न पीने की सलाह दी है।
भिण्ड
फ्लोराइड से टूट रही हड्डिया- भिंड के गांव के पानी में है ये धीमा जहर; भोपाल लैब की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
- 06 Jun 2023