इंदौर । प्रदेश का पहला फर्नीचर क्लस्टर उलझता जा रहा है। जिस जमीन पर क्लस्टर लगाने की तैयारी हो रही है, वहां वन विभाग ने अपना दावा जताया है। जमीन को लेकर इंदौर वनमंडल के अधिकारियों ने संभागायुक्त के सामने आपत्ति जताई है। वन अधिकारियों के अनुसार जमीन से जुड़ी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद जिला उद्योग और व्यापार केंद्र (डीआइसी) ने क्लस्टर के लिए छोटी बेटमा में 190 हेक्टेयर जमीन आरक्षित कर दी। फिर फर्नीचर क्लस्टर एसोसिएशन ने व्यापारियों से संपर्क किया। लगभग 150 छोटे-बड़े फर्नीचर निमार्ता तैयार हो चुके थे। कुछ बड़ी कंपनियों से भी बातचीत चल रही है। एसोसिएशन ने जमीन आवंटन के लिए शासन के पास एक करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं, लेकिन सीमांकन की प्रक्रिया शुरू होते ही वन विभाग बीच में कूद पड़ा। विभाग ने उक्त जमीन में से 150 हेक्टेयर को वन भूमि बताया है। संभागायुक्त डा. पवन शर्मा को आपत्ति जताई है।
वन अधिकारियों का कहना है कि भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 4 में जमीन वन के लिए घोषित की गई। इसमें संरक्षित वन क्षेत्र शामिल है। साथ ही जमीन का कुछ हिस्सा आरक्षित वन है। मामला कलेक्टर मनीष सिंह तक पहुंच चुका है। उन्होंने इस संबंध में प्रक्रिया आगे बढ़ाई है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी क्लस्टर को लेकर दस्तावेज सौंपे है। फर्नीचर क्लस्टर एसोसिएशन के सचिव हरीश नागर ने बताया कि जमीन पर वन विभाग की आपत्ति आने के बाद एसोसिएशन ने कलेक्टर से मुलाकात की है। जल्द ही समिति की बैठक बुलाकर निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान जमीन के सीमांकन की प्रक्रिया भी की जाएगी।
500 करोड़ रुपये का निवेश - छोटी बेटमा में आ रहे क्लस्टर के लिए 150 व्यापारियों ने रुचि दिखाई है। एसोसिशन ने दस बड़ी फर्नीचर कंपनियों को भी यहां आने के लिए तैयार कर लिया है। माना जा रहा है कि अगले कुछ महीनों में स्थितियां सुधरती हैं तो यहां 500 करोड़ का निवेश किया जाएगा।
जमीन का सीमांकन पहले - इंदौर वनमंडल के डीएफओ नरेंद्र पंडवा का कहना है कि छोटी बेटमा में डीआइसी जिसे अपनी जमीन बता रहा है, दरअसल उसमें अधिकांश हिस्सा वनभूमि है। वनमंडल ने इस संबंध में संभागायुक्त कार्यालय में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। जमीन का सीमांकन पहले जरूरी है, क्योंकि उनके अधिकारियों को यह बताना है कि उनकी भूमि कितनी और कहां तक फैली है। उसके बाद ही जमीन आवंटन की प्रक्रिया करेंगे।
इंदौर
फर्नीचर क्लस्टर के लिए सीमांकन शुरू होते ही वन विभाग ने जताई आपत्ति
- 01 Mar 2022