इन्दौर। बीआरटीएस ट्रेक मे आई बस और एम्बुलेंस के अलावा दूसरी गाड़ियों को जाने की अनुमति नही हैं,जबकि देखा जाय तो इस एक बस के चक्कर मे पूरा ट्रेक खाली होता है, और इसके दोनो ओर रोड पर ट्रेफिक जाम रहता है।
सही मायने में बीआरटीएस की कोई उपयोगिता समझ नही आती,बल्कि लगता है इससे यातायात व्यवस्था बहुत ज्यादा प्रभावित हुई है।करीब 25 से 30 फीट का रोड बना है बीआरटीएस का,जिसमे समय समय पर आई बस निकलती है और बाकी समय मे यह खाली रहती है।जिसका कोई औचित्य नही है मजे की बात तो यह है की पूरे शहर मे बीआरटीएस का ट्रेक नही है जिससे ये आई बस आम जनता वाले ट्रेक मे आ जाती है और यातायात मे बाधक बनती है।मुश्किल से आई बस मे 30 से 35 लोग बैठते होंगे पर ट्रेक के आस पास मे दोनो ओर कितने ही लोग जाम मे खड़े रहते हैं।ये भी आम जनता की बड़ी परेशानी है और बात तो ये है कि जब आई बस अपने ट्रेक से आम ट्रेक में आ जाती है तो फिर मतलब ही क्या इस बस के चलने का,फिर क्यूं ना बीआरटीएस मे दुसरे वाहनो को भी जाने की अनुमति दी जाये।सभी वाहन नही तो कम से कम सिटी बसों को उस ट्रेक से जाने देना चाहिए,इससे कुछ सुधार जरुर आयेगा ट्रेफिक व्यवस्था मे क्युकिं सिटी बस और आई बस का समय थोडे थोडे अन्तराल का ही होता है तो आराम से बीआरटीएस ट्रेक से दोनो बसों का संचालन हो सकता है।
DGR विशेष
बीआरटीएस बाधक है शहर की यातायात व्यवस्था में!
- 23 Oct 2021