कोरोना में मृत सहकर्मी का पैसा डकारा
छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में जुन्नारदेव शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में 1 करोड़ 32 लाख रुपए का गबन हुआ है। फाइनेंस डिपार्टमेंट (जबलपुर) टीम ने यह गड़बड़ी पकड़ी है। टीम 10 दिन से इसकी जांच में जुटी हुई थी। टीम ने बैंक, ट्रेजरी, सॉफ्टवेयर के रिकॉर्ड देखे, तब जाकर मामला खुला।
मृत और रिटायर कर्मचारियों का जीआईएस (समूह बीमा योजना), पेंशन मामलों की राशि तृतीय श्रेणी लिपिक तौसीफ खान ने पत्नी, बहन, रिश्तेदारों और खुद के बैंक खातों में डाल दी। 2018 से अब तक गबन होता रहा। आरोपी ने कोरोना में मृत कर्मचारी तक का पैसा नहीं छोड़ा।
जुन्नारेदव के तत्कालीन ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर (बीईओ) एमआई खान के कार्यकाल में यह गड़बड़ी हुई है। खान वर्तमान में अमरवाड़ा के बटकाखापा में व्याख्याता हैं। 2020 में इनको तत्कालीन कलेक्टर सौरभ सुमन ने अतिथि शिक्षक की नियुक्ति में अनियमितता पर बीईओ के पद से हटा दिया था।
तत्कालीन बीईओ की लॉगिन आईडी इस्तेमाल हुई, एफआईआर तय
लिपिक ने अपनी करतूतों में खान की लॉगिन आईडी इस्तेमाल की है। लिपिक के साथ टीम उन्हें भी आरोपी मानकर चल रही है। दोनों पर एफआईआर होना तय है। फाइनेंस डिपार्टमेंट के अपर संचालक रोहित सिंह कौशल ने बताया, 'हमें गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। 21 बैंक खातों की जांच की, 12 में वित्तीय गड़बड़ी मिली। फाइनल रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसे जबलपुर संभाग कमिश्रर और वित्तीय विभाग भोपाल मुख्यालय भेजा जाएगा। लिपिक तौसीफ खान ने 31 लाख 30 हजार रु. जमा कराए।
कोरोना में मृत सहकर्मी को भी नहीं बख्शा
बीईओ कार्यालय में पदस्थ पुरुषोत्तम विश्वकर्मा की कोविड में मौत हो गई थी। उनके नाम से शोएब खान के बैंक खाते में 1 लाख 82 हजार और इमरान खान के खाते में 1 लाख 37 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए।
ट्रेजरी डिपार्टमेंट जांच कर दे चुका था क्लीन चिट
छिंदवाड़ा जिले में अब तक चार विकासखंडों में वित्तीय अनियमितता के मामले सामने आ चुके हैं। छिंदवाड़ा, मोहखेड़ और तामिया तीन विकासखंड में संबंधित बीईओ और भ्रष्ट बाबुओं के खिलाफ एफआईआर हो चुकी है। अब जुन्नारदेव में भी ऐसी ही अनियमितता सामने आई है। ऐसे में जिला कोषालय विभाग की भूमिका सवाल खड़े हो रहे हैं।
दरअसल, वित्तीय लेनदेन और बिलों का भुगतान जिला कोषालय (ट्रेजरी डिपार्टमेंट) के जरिए ही होता है। जुन्नारदेव में कोषालय विभाग की टीम पहले ही वित्तीय लेनदेन की जांच कर क्लीन चिट दे चुकी थी, लेकिन जबलपुर वित्तीय विभाग ने जब यहां रिकार्ड खंगाले, तो गबन सामने आ गया।
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बीईओ ऑफिस में ₹1.32 करोड़ की गड़बड़ी, लिपिक ने पत्नी-बहन के अकाउंट में डाली गबन की राशि
- 18 May 2024