उज्जैन। बैंकिंग कार्य ऑनलाइन होने और हर साल ऑडिट होने के बावजूद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने अनदेखी की। यही वजह है कि बैंक की घट्टिया ब्रांच में 2019 से गबन होता रहा। यहां एक करोड़ से ज्यादा का गबन सामने आ सकता है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की कमेटी जांच पूरी कर सोमवार को रिपोर्ट पेश कर सकती है। इसमें ब्रांच मैंनेजर से लेकर कर्मचारी बेनकाब हो सकते हैं।
लोगों के बंद खातों को फिर से पुनर्जीवित कर उनमें बीजीएल हेड से राशि ट्रांसफर की जाती रही, जिसे बाद में निकाला जाता रहा। सवाल उठ रहे हैं कि ऑनलाइन बैंकिंग कार्य होने के बावजूद जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों ने मामले में संज्ञान क्यों नहीं लिया। तत्काल जांच बैठाकर कार्रवाई क्यों नहीं की। इसी अनदेखी का फायदा उठाते हुए ब्रांच मैंनेजर और स्टाफ राशि का गबन करता रहा। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों का कहना है कि कमेटी गठित कर जांच करवाई जा रही है। उम्मीद है कि सोमवार को जांच पूरी हो जाएगी तथा रिपोर्ट पेश की जाएगी। गबन की पूरी राशि का पता चलने के साथ ही बैंक के स्टाफ की भूमिका भी सामने आ जाएगी।
नाम सार्वजनिक करना चाहिए
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व प्रशासक अजीत सिंह ठाकुर का आरोप है कि ब्रांच में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार लंबे समय से चल रहा था। ऑनलाइन बैंकिंग कार्य हो रहे हैं तो फिर अधिकारियों ने मामला तत्काल क्यों नहीं पकड़ा। किसानों के नाम पर राशि निकालने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के नाम सार्वजनिक किए जाने के साथ ही उनके खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रांच में अब तक हुए सभी लेन-देन की जांच होना चाहिए।
उज्जैन
बैंक शाखा में 1 करोड़ के गबन की आशंका, 2019 से चल रहा था ब्रांच में गबन, बैंकिंग कार्य ऑनलाइन फिर भी अधिकारियों की अनदेखी
- 06 Sep 2021