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छतरपुर

बागेश्वर धाम में पार्किंग के लिए घर तोड़ने का आरोप

  • 27 Dec 2022

गुस्साए लोगों का कलेक्ट्रेट में हंगामा; बोले- पुलिस ने हमें बेरहमी से पीटा
छतरपुर । बागेश्वरधाम के ग्रामीणों ने छतरपुर कलेक्ट्रेट में सोमवार को हंगामा कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि बागेश्वर धाम में पार्किंग के लिए हमारे घरों पर बुलडोजर चलाकर जमींदोज किया जा रहा है। वहीं एक महिला का आरोप है कि घर तोड़ने से रोकने पर पुलिस ने बाल पकड़कर खींचा।
छतरपुर जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर दूर बसे गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम स्थित है। यहां रोजाना लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि भक्तों की भीड़ के कारण यहां पार्किंग में परेशानी आ रही है। इसलिए प्रशासन ने हमारे घरों पर बुलडोजर चला दिया। हमें बेघर कर दिया।
रविवार को भी प्रशासन ने लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाया। इससे नाराज ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इसके बाद उन्होंने छत्रसाल चौराहे पर धरना प्रदर्शन कर चक्काजाम कर दिया। इससे काफी समय तक ट्रैफिक जाम रहा। सूचना मिलते ही TI धनसिंह नलवाया और CSP लोकेंद्र सिंह चौराहे पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को खूब समझाया और आखिर में बड़े जतन के बाद उन्होंने ग्रामीणों को चौराहे से हटाया।
महिला बोली-पुलिस ने बाल पकड़कर खींचा और पीटा
प्रदर्शन कर रही एक महिला ने बताया कि पिछले 2-3 सालों से बहुत परेशान हो गए है। अब हमारे घर गिराए जा रहे हैं। भक्तों के रुकने के लिए जगह चाहिए, गाड़ी के लिए जगह चाहिए। इसलिए हमारा घर गिराया। मैं अपना घर बचाने के लिए मशीन के सामने खड़ी हो गई। तभी एक महिला पुलिस कर्मी आई। उसने मेरे बाल पकड़े और खींच ले गई। मेरी साड़ी खुल गई थी। मेरा ससुराल है, वहां इतने लोग खड़े थे, पूरा गांव मुझे देख रहा था। मेरी दोनों बेटियां भी बिलख रही थी, घर न तोड़ने के लिए मिन्नतें कर रही थीं। लेकिन वे नहीं माने। उन्होंने घर तोड़ दिया। हमारे पति को भी थाने ले गए। उन्होंने मोबाइल भी छीन लिया था, इसलिए अब हम ना वीडियो बना पाए, न कुछ कर पाए।
हमारी कहीं सुनवाई नहीं होती
वहीं एक दूसरी महिला ने कहा कि हम गढ़ा गांव के रहने वाले हैं। बिना किसी नोटिस के हमारे घर तोड़ दिए। हम बेघर हो गए। इस कड़ाके की ठंड में अब हम कहां जाएं, नहीं पता। SDM साहब की शिकायत करने हम कलेक्ट्रेट आए हैं। यहां कहा गया कि जांच करेंगे। अब हम क्या करें, कुछ समझ नहीं आ रहा। पुलिस वाले भी हमारी शिकायत नहीं सुनते।
एक ग्रामीण ने कहा कि प्रशासन कह रहा है कि हमारा घर सरकारी जमीन पर बना है। ऐसा तो है नहीं कि हमने घर 2-3 साल पहले बनवाया है। 50 सालों से हम यहां रह रहे हैं। पहले कोई दिक्कत नहीं थी, अब अचानक हमारी जमीन सरकारी हो गई।
जांच के बाद करेंगे कार्रवाई
डिप्टी कलेक्टर पीयूष भट्ट ने बताया कि गढ़ा पंचायत के ग्रामीणों ने ज्ञापन सौंपा है। उनका कहना है कि उनके घरों को तोड़ा जा रहा है। इसलिए उसपर रोक लगाई जाए। हमें आज ज्ञापन मिला है, इसकी हम जांच कराएंगे और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सरपंच ने कहा- बिना नोटिस तोड़े जा रहे मकान
ग्राम पंचायत गढ़ा के सरपंच सत्यप्रकाश पाठक ने बताया कि गरीब लोगों के मकान प्रशासन SDM, तहसीलदार, RI, पटवारी और पुलिस ने मिलकर बिना किसी सूचना और कोई नोटिस दिए बिना बुलडोजर से गिरा दिए। ग्रामीणों को परेशानी यह है कि आए दिन धमकी दी जाती है कि तुम्हारे मकान तोड़ दिए जाएंगे। हर 8-10 दिन में एक दो मकान तोड़ दिए जाते हैं। यह सब SDM, तहसीलदार करते हैं।
सरपंच कहते हैं हम गांव के सरपंच हैं, और हमें तक मालूम नहीं होता कि गांव में क्या हो रहा है या क्या होने वाला है। गांव में मशीन लेकर आते हैं और मकान गिराने लगते हैं। हम लोगों को आधा घंटे क्या, 5 मिनट का भी समय नहीं दिया जाता कि खाने-पीने तक का सामान उठा सकें। वे कुछ नहीं बताते बस बुल्डोजर लेकर आते हैं और तानाशाही करते हैं।