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इंदौर

बुजुर्ग महिला को 27 साल बाद किराएदार के कब्जे से वापस मिला मकान

  • 12 Apr 2022

इंदौर। शहर के आड़ा बाजार क्षेत्र में रहने वाली बुजुर्ग और विधवा महिला सुनयना महाडिक को 27 साल बाद उनके मकान का कब्जा मिला। तहसीलदार नीतेश भार्गव और नायब तहसीलदार हर्षा वर्मा नगर निगम के कर्मचारियों और पुलिस बल की मौजूदगी में सोमवार सुबह 10 बजे मौके पर पहुंचे। किराएदार योगेंद्र पुराणिक को नोटिस देने के बाद भी उसने कब्जा नहीं सौंपा था, इसलिए ताला तोड़कर सामान बाहर निकाल दिया और बुजुर्ग महिला को मकान का कब्जा सौंप दिया। जब अधिकारियों ने मकान खाली करवाकर 77 वर्षीय महिला को सौंपा तो खुशी में उनके आंसू छलक पड़े।
जब महिला के मकान का कब्जा दिलाया गया तब किराएदार परिवार का कोई भी सदस्य वहां मौजूद नहीं था, जबकि रविवार शाम को ही उक्त किराएदारी के भाग पर जिला प्रशासन द्वारा नोटिस चस्पा किया गया था। इसके पहले एसडीएम मुनीष सिंह सिकरवार द्वारा इस मामले में 14 मार्च को फैसला दिया गया था कि किराएदार स्वयं ही मकान मालिक को कब्जा सौंप दे, लेकिन किराएदार ने इस आदेश का भी पालन नहीं किया। सुनयना ने बताया कि किराएदार योगेंद्र वर्षों से मकान पर कब्जा जमाकर बैठा था। मेरे पति ने किराएदार योगेंद्र पुराणिक से मकान खाली कराने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी और इसी बीच उनकी मौत हो गई। इसके बाद भी किराएदार को तरस नहीं आया। मेरी एकमात्र पुत्री प्रणिता भी मकान खाली कराने के लिए कई वर्षों तक परेशान रही। वह भी लगातार इस केस के चक्कर में कलेक्टर कार्यालय मैं दिन-दिनभर बैठी रहती थी।
किराएदार ने मकान और दुकान पर कर लिया था कब्जा
महिला ने बताया कि मेरी बेटी ने कलेक्टर मनीष सिंह को अपनी व्यथा बताई तो उन्होंने सांत्वना दी कि आपको जरूर न्याय मिलेगा। कलेक्टर ने दो महीने पहले ही इसी किराएदार से दुकान खाली करवाई थी। किराएदार योगेंद्र आए दिन हमसे अभद्रता भी करता था और कहता था, अगर तुममें ताकत है तो मकान खाली करवाकर देख लेना। किराए से प्राप्त होने वाली राशि से परिवार की मदद हो जाएगी, इस उद्देश्य से मेरे पति ने योगेंद्र को किराए से मकान और दुकान दिया था। उसने धीरे-धीरे मकान और दुकान हड़पने की नीयत से कब्जा ही जमा लिया। साथ ही 10 वर्षों से तो उसने किराया देना भी बंद कर दिया था। पर प्रशासन ने हमारी परेशानी को गंभीरता से लिया और मकान खाली करवा दिया।