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इंदौर

बाजारों में राखी की रौनक- रुद्राक्ष, ब्रैसलेट और स्टोन की राखियों की मांग सबसे ज्यादा, 24 करोड़ से ज्यादा का कारोबार होने की उम्मीद

  • 28 Aug 2023

इंदौर। रक्षाबंधन को लेकर शहर के बाजार में रौनक दिखाई देने लगी है। रक्षाबंधन को अब केवल 3 ही दिन बचे हैं। ऐसे में रंग-बिरंगी और आकर्षक राखियों से बाजार सजे हुए हैं। कोरोना काल के लगभग तीन साल बाद इस बार लोगों में रक्षा बंधन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। शहर के आसपास के जिलों सहित अन्य प्रदेशों से भी लोग रानीपुरा स्थित थोक बाजार में राखियों की खरीदी के लिए पहुंच रहे हैं। इस बार बाजार में रुद्नाक्ष ब्रैसलेट और स्टोन की राखियों की मांग ज्यादा है। खासकर गुजरात की बनी राखियों की मांग अधिक है।
राखी का करोबार करोड़ों रुपये का है। इंदौर के रानीपुरा, सियागंज और जेल रोड पर राखी का थोक व्यापार करने वाले व्यापारियों के अनुसार राखियों का लगभग 18 से 20 करोड़ रुपये का व्यापार होता है। शहर के थोक व्यापारी ग्राहकों की मांग पर विभिन्न तरह की राखियां दूसरे राज्यों से भी मंगाते है।
1947 से राखियों का व्यापार कर रहे व्यापारी मोहनलाल गेरा कहते हैं रानीपुरा, सियागंज और मारोठिया बाजार में होलसेल की करीब 105 दुकानें हैं, जहां से शहर के 300 किमी के एरिया में राखी बिकने जाती हैं। इंदौर के राखी व्यापारियों के अनुसार 2019 में लगभग 12 करोड़ का कारोबार हुआ था। कोरोना के कारण 2020 में कारोबार 2 से 3 करोड़ रुपए पर सिमट गया था। जिसके बाद 2021 में 16 करोड़ तो वहीं 2022 में 22 करोड़ रुपए का करोबार हुआ था। इस साल यह आंकड़ा 24 करोड़ से ज्यादा होने का अनुमान है।
मारोठिया बाजार में 43 साल से राखी व अन्य घरेलू सामाग्री का व्यापार कर रहे आयुष नीमा ने बताया कि राखियों का व्यापार जुलाई से ही शुरू हो जाता है। 80 प्रतिशत रिटेल कारोबारियों ने जुलाई के पहले सप्ताह से ही राखियों की बुकिंग और खरीदी शुरू कर दी थी। 30 अगस्त तक 24 करोड़ रुपए का व्यापार होने का अनुमान है। अभी राखी में लगभग 8 दिन का समय बचा है और अब तक लग 18 से 19 करोड़ रूपए का कारोबार हो चुका है।
समय के साथ बदल रही है डिमांड
राखी के बाजार में समय के साथ वैराइटी पैटर्न और डिजाइन की डिमांड बदलती जा रही है। शुभ-लाभ और स्वस्तिक से लेकर बच्चों के लिए कार्टून वाली राखियों की मांग बाजार में है। इंदौर के रानीपुरा में राखी की खरीदारी करने आने वाले अधिकतर ग्राहक गुजरात के सूरत-राजकोट से आई रुद्राक्ष ब्रेसलेट और स्टोन की राखियों के अलावा डायमंड (नग), मेटल वाली राखियों की मांग कर रहे हैं। इसके बाद ग्राहकों को सबसे ज्यादा पसंद आने वाली राखियों में रेशम और डायमंड वाली मेटल की राखियां शामिल हैं।
स्टोन की राखियों की खूब हो रही बिक्री
बाजार में स्टोन की राखियों की खूब होने के साथ ही स्टाइलिश ब्रेसलेट, मोतियों, मेटल एवं भईया-भाभी राखी की भी डिमांड है। बच्चों के लिए बाजार में टैडी, छोटा भीम, डोरेमॉन सहित कई तरह के कार्टून की राखियां मौजूद है। रानीपुरा स्थित श्री गणेश ट्रेडिंग राखी कम्पनी के थोक विक्रेता कुनाल बताते है कि बाजार में थोक में एक रुपये लेकर 1200 रुपये तक राखीयों के दाम है। वहीं खुदरा में राखी पांच रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की भी बिक रही है। रक्षा बंधन को लेकर तीन महीने पहले से तैयारी शुरू कर देते है। इस बार हमें सावन के महीने के साथ दो माह का वक्त मिला।
चाइनीज राखियों से दूरी बना रहे लोग
इन दिनों बाजार में लोग रक्षाबंधन की खरीदारी करते नजर आ रहे हैं, जहां लोग अलग-अलग तरह की फैंसी राखियां पसंद कर रहे हैं, तो वहीं इस बार लोग चाइनीज राखियों से दूरी बना रहे हैं, जहां लोग देश में ही बनी राखियों को पसंद कर रहे हैं। साथ ही साथ सिंपल राखियों की डिमांड इस बार बढ़ गई है।
1 रुपए से 1200 रुपए दर्जन तक भाव
रानीपुरा क्षेत्र के व्यापारियों ने बताया कि राखी की हजारों तरह की डिजाइन बाजार में उपलब्ध हैं। इनकी कीमत इनमें इस्तेमाल होने वाले मटेरियल से लेकर पैकिंग तक से प्रभावित होती है। इस बार बाजार में लोगों के लिए राखी की कीमत 1 रुपए से लेकर 1200 रुपए प्रति दर्जन तक है। इंदौर के थोक बाजार रानीपुरा के आसपास के क्षेत्रों में कई लोग राखियां बनाने का काम भी करते हैं।
हजारों डिजाइन की राखियां बाजार में
इस साल लगभग 3 से 4 हजार से अधिक डिजाइन की राखियां बाजार में हैं। यह 1 रुपए से 1200 रुपए दर्जन तक थोक भाव में बिक रही हैं। लाइट, म्यूजिक, बुटिक, चंदन, लकड़ी, रुद्राक्ष, मोती, रूबी और रंगबिरंगे पत्थरों को रेशमी धागे में पिरोकर बनाई गई राखियों के साथ ही चांदी और सोने जैसी दिखने वाली राखियां भी हैं। यह राखियां खेरची में 10 रुपए से लेकर 800 रुपए तक है।