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इंदौर

बाजार से चिल्लर गायब, आमजन परेशान, कोई ले नहीं रहा तो कोई बट्टे से लेने की बात करता

  • 27 Nov 2021

इंदौर। एक और दो रूप्ए के सिक्कों को मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चैन्नई, बेंगलुरू, पुणे सभी जगह लेने देने में लिया व दिया जाता है लेकिन इंदौर के मुनाफाखोर व्यापारियों ने भारत सरकार की इस मुद्रा की बेइज्जती कर दी है। शहर में अधिकांश दुकानों पर चिल्लर न चलने की बातें अक्सर सामने आ रही है। हालाकि इससे आमजन काफी परेशान है। बाजार से चिल्लर को पूरी तरह खत्म करने की जो दिक्कतें हैं वह छोटे व्यापारियों को भी परेशान कर रही है क्योंकि उनके पास बची चिल्लर बट्टे से देना पड़ रही है।
पांच रूपए के हरे रंग वाले नोट को भी नहीं चलेंगे, बंद होंगे की अफवाह फैलाकर चलन से बाहर कर दिया। अब एक व दो रूपए के सिक्कों की भी हालत खराब कर इन्हें चलने से बाहर करने का षडयंत्र चल रहा है। चिल्लर व्यापारी एक व दो रूपए के सिक्कों के हजार रूपए लेकर 800 रू. देते है। बीस परसेंट पर चिल्लर का धंधा खूब फल फूल रहा है। रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया से लेकर पुलिस तक कोई भी इन मुनाफाखोर व्यापारियों पर कार्यवाही नहीं करते हैं। बेचारा दस बीस रूपए का सामान लेने वाला व्यक्ति सिक्के कैसे चलाए, यह समस्या मुंहबाए खड़ी है। कई संस्थाओं में वेतन में हजार से 2 हजार रूपए चिल्लर के रूप में दिए जाते है। ऐसे संस्थान के कर्मचारियों को सिक्के 20 फीसदी के भाव से बट्टे पर देकर घाटा सहन करना पड़ता है। लोग चिल्लर को चलने से बाहर करने के षडयंत्र से परेशान हैं लेकिन वे कुछ कर भी नहीं पा रहे हैं।
1 रुपए की टॉफी लेकिन 5 लेनी पड़ेगी
अधिकांश दुकानों पर ना सिर्फ बड़े बल्कि बच्चे भी ठगे से महसूस कर रहे हैं क्योंकि 1, दो रुपए की चिल्लर लेकर दुकान पर जाने वालों को मायूस लौटना पड़ता है। अधिकांश दुकानदार चिल्लर नहीं लेने की बात करते हैं और कहते हैं कि 5 रुपए की ही लेनी पड़ेगी। इसके अलावा 8 रुपए का सामान लेने पर भी 10 रुपए का नोट देने पर 2 रुपए की चाकलेट आदि चिल्लर की जगह पकड़ाई जा रही है जिससे आमजन ठगे जा रहे हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है।