सदमे में पूरा गांव; सरपंच रही मां की सवा महीने पहले मौत
खंडवा। बिजली कंपनी में पदस्थ 25 वर्षीय एक ऑपरेटर ने फांसी लगाकर जान दे दी। यह कदम उसने ड्यूटी पर रहते हुए अपने दफ्तर में उठाया। फंदे पर लटके ऑपरेटर के हाथ-पैर बंधे हुए थे। कहानी मर्डर के एंगल पर जाती, तभी जेब से सुसाइड नोट मिला। इस नोट में उसने खुद को मौत का जिम्मेदार बताया। असल वजह अब तक सामने नहीं आई। लेकिन वह मौत को गले लगाना चाह रहा था। पुलिस जांच में जब्त मोबाइल से पता चला कि, उसने कई बार इंटरनेट पर फांसी लगने के तरीके जाने।
परिजन, रिश्तेदार और ग्रामीण बताते है कि, मृतक राजकुमार काफी सज्जन लडक़ा था। नशे की लत तो दूर की बात उसे सुपारी खाने से भी परहेज था। वह गांव-गली में किसी से ज्यादा बात नही करता। बचपन से उसका पढ़ाई में मन था, आईटीआई करने के बाद बिजली कंपनी में आउटसोर्स पर नौकरी करने लगा। दो भाईयों के बीच करीब 20 एकड़ जमीन है, फिर भी वह रोजाना गृहगांव कोंडावत से 25 किलोमीटर दूर बमनगांव में नौकरी के लिए जाता था। काफी मेहनती था, ऐसे युवा के प्रति गांव के हर व्यक्ति को लगाव था।
जब खबर लगी कि, राजकुमार इस दुनिया में नही रहा तो गांव में मातम पसर गया। शाम तक किसी के घर में चूल्हे से धुआं तक नहीं उठा। पिता मोहन पटेल भी संपन्न किसान और सामाजिक व्यक्ति है। मां शांतिबाई और दादी बनारसबाई तो गांव में सरपंच के पद पर रह चुकी थी। पांच-पांच साल तक ईमानदारी से सरपंच का पद संभाला। सवा महीने पहले ही मां शांतिबाई ने बीमारी और उम्र के लिहाज से दुनिया छोड़ दी। आखिर, युवा राजकुमार ने यह कदम कैसे उठा लिया। इस सवाल पर हर कोई खामोश है, जवाब के लिए सिर्फ नम आंखे है।
खंडवा
बिजली ऑपरेटर ने इंटरनेट से सीखा कैसे लगे फांसी
- 01 Feb 2023