चंडीगढ़। बिजली संकट से उबरने के लिए हरियाणा सरकार ने अहम निर्णय लिया है। तीन साल के लिए मध्य प्रदेश की कंपनियों से 500 मेगावाट बिजली खरीदी जाएगी। अडानी कंपनी से चल रहे विवाद को सुलझाने के लिए अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल फाइनल बात करेंगे। करार टूटता है तो हरियाणा नए सिरे से बिजली की व्यवस्था करेगा।
प्रदेश में इस समय बिजली की मांग रोजाना 8297 मेगावाट से ज्यादा पहुंच गई, जबकि आपूर्ति छह से साढ़े सात हजार मेगावाट की जा रही है। जून-जुलाई में बिजली खपत बढ़ जाएगी। बिजली विभाग के एसीएस पीके दास ने बताया कि परेशानी ज्यादा न बढ़े, इस कारण मई तक खेदड़ की बंद पड़ी यूनिट को चालू करने का हर संभव प्रयास जारी है।
अनुमान है कि 15 मई तक चीन से रोटोर आ जाएगा। यूनिट का खराब रोटोर बदल दिया जाएगा। इसके बाद इस यूनिट से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा। सरकार यमुनानगर में 660 मेगावाट की तीसरी यूनिट लगाने पर भी विचार कर रही है। इस बार मानसून सीजन से पहले ही कोयले का स्टॉक खानों से बाहर कराया जाएगा ताकि बारिश के सीजन में आपूर्ति बाधित न हो।
प्रदेश में रोजाना 8297 मेगावाट बिजली की मांग, आपूर्ति कम
प्रदेश में इस समय बिजली की मांग रोजाना 8297 मेगावाट से पार पहुंच गई है। आपूर्ति कम की जा रही है। पानीपत में थर्मल पावर प्लांट से 710 मेगावाट बिजली की आपूर्ति मिल रही है। यहां 250- 250 और 210 मेगावाट की यूनिट चल रही हैं। यमुनानगर प्लांट से 610 मेगावाट उत्पादन है, जबकि खेदड़ में 600 मेगावाट उत्पादन हो रहा है।
साभार अमर उजाला
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बिजली संकट: मध्य प्रदेश से 500 मेगावाट बिजली खरीदेगा हरियाणा

- 19 Apr 2022