इंदौर। इंदौर जिले में बाल एवं किशोर श्रमिक (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम,1988 के अंतर्गत बाल श्रमिकों को विमुक्त कराने की कार्यवाही निरंतर जारी है। सहायक श्रमायुक्त श्रीमती मेघना भट्ट ने बताया कि विगत 5 दिसम्बर 2022 को रेलवे चाइल्ड लाइन इंदौर द्वारा एक बाल श्रमिक को सराफा बाजार की एक दुकान से विमुक्त कराया गया। उक्त बालक को 10 जनवरी 2023 को रेल्वे चाइल्ड लाइन द्वारा रेस्क्यू कर लोक बिरादरी ट्रस्ट जिला इंदौर में बाल कल्याण समिति के माध्यम से प्रवेश दिलाया गया। बालक द्वारा अपने कथन में लिपिबद्ध किया गया कि नियोजक द्वारा बालक को उनके मातापिता /अभिभावक को सुपुर्द न कर उसे स्वयं अपने साथ ही रखकर जबर्दस्ती कार्य करवाया गया। चूंकि नियोजक द्वारा बालक से जबर्दस्ती कार्य करवाया गया एवं बालक को उसके मातापिता को सुपुर्द नहीं किया गया, जो कि बंधक मजदूरी प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1976 की धारा 4 का उल्लंघन होकर धारा 16 के अधीन दण्डनीय अपराध है। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) मल्हारगंज की ओर से जारी विमुक्ति प्रमाण पत्र प्रदाय किया जाकर बालक को बंधुआ मजदूर अधिनियम के अंतर्गत विमुक्त कराया गया एवं बंधुआ मजदूर पुनर्वास योजना 2016 (रिवाईज्ड 2021) के अंतर्गत विमुक्त बाल श्रमिक को तत्कालिक सहायता राशि 30 हजार रुपए फिक्स्ड डिपाजिट के रूप में आज 25 जुलाई 2023 को प्रदाय की गई। कार्यवाही सहायक श्रमायुक्त श्रीमती मेघना भट्ट के नेतृत्व में श्रम निरीक्षक श्रीमती कोनिका कोष्टा एवं सुश्री पूर्णिमा चुरिहार द्वारा की गई।
इंदौर
बंधुआ बाल श्रमिक को कराया विमुक्त
- 26 Jul 2023