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बाबा पंडित

बुधवारी अष्टमी

  • 12 Oct 2021

13 अक्टूबर 2021 बुधवार को (सूर्योदय से रात्रि 08:08 तक) बुधवारी अष्टमी है । मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथिसोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
 इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है। (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)
*आश्विने शुक्लपक्षे तु प्रोक्ता विप्र महाष्टमी 
तत्र दुर्गाचनं प्रोक्तं सव्रैरप्युपचारकैः ।।
*उपवासं चैकभक्तं महाष्टम्यां विधाय तु ।। 
सर्वतो विभवं प्राप्य मोदते देववच्चिरम् ।।
अर्थात आश्विन मास के शुक्लपक्ष में जो अष्टमी आती है, उसे महाष्टमी कहा गया है (महाष्टमी 13 अक्टूबर, बुधवार को है ) उसमें सभी उपचारों से दुर्गा के पूजन का विधान है। जो महाष्टमी को उपवास अथवा एकभुक्त व्रत करता है, वह सब ओर से वैभव पाकर देवता की भाँति चिरकाल तक आनंदमग्न रहता है।
*देव, दानव, राक्षस, गन्धर्व, नाग, यक्ष, किन्नर, नर आदि सभी अष्टमी तथा नवमी को उनकी पूजा-अर्चना करते हैं | आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी को जगन्माता भगवती श्रीअम्बिका का पूजन की जाती है | यह तिथि पुण्य, पवित्रता, धर्म और सुख को देनेवाली है | 
 नवरात्रि अष्टमी को महागौरी की पूजा सर्वविदित है साथ ही अग्निपुराण के अध्याय 268 में आश्विन् शुक्ल अष्टमी को भद्रकाली की पूजा का विधान वर्णित है।
 स्कन्दपुराण माहेश्वरखण्ड कुमारिकाखण्ड में आश्विन् शुक्ल अष्टमी को वत्सेश्वरी देवी की पूजा का विधान बताया है।
 गरुड़पुराण अष्टमी तिथिमें दुर्गा और नवमी तिथिमें मातृका तथा दिशाएँ पूजित होनेपर अर्थ प्रदान करती है ।
- बाबापण्डित, http://www.babapandit.com