ग्वालियर। ट्रिपल मर्डर को सुलझाने के लिए पुलिस को राह मिल गई है। पाल परिवार के 3 सदस्यों की हत्या का राज ब्याज के धंधे के चंद पन्नों में छिपा है। जगदीश पाल बड़े स्तर पर ब्याज का काम करता था। उसने 40 से 50 लोगों को ब्याज पर पैसा दे रखा था, जिस पर वह मोटा ब्याज भी वसूलता था।
वारदात के बाद से घर में रखे बक्से से ब्याज से संबंधित दस्तावेज गायब हैं, जो वह पैसा देते समय अनुबंध करता था। आसपास के लोगों ने कुछ नाम भी पुलिस को बताए हैं। अब पुलिस पता लगा रही है कि ऐसा कौन है, जो इस ब्याज की रकम को नहीं चुका पा रहा था। उसका क्या सामान गिरवी रखा था, जिसके लिए उसने यह कदम उठाया है। जल्द पुलिस मामले में खुलासा कर सकती है।
सीन रीक्रिएशन से समझा मामला
माना जा रहा है कि रविवार रात पहले 2 से 3 हमलावर घर में दाखिल हुए। उस समय परिवार गहरी नींद में था। महिला सरोज पाल, उसकी बेटी कीर्ति बेड पर सो रहे थे। उसी कमरे में पति जगदीश पाल जमीन पर पीछे की तरफ सो रहा था। बदमाशों ने पहले जगदीश के गले में पड़े कलावा से ही गला कसना शुरू किया। गले पर कलावा रगडऩे के निशान भी हैं। उसने बचने के लिए संघर्ष किया। आवाज हुई तो सरोज की नींद खुली। इस पर एक बदमाश ने उस पर चाकू से दो वार किए। वह वहीं ढेर हो गई। शोर सुनकर 12 साल की कीर्ति बेड से उठकर जमीन पर खड़ी हो गई। बदमाशों ने उस पर चाकू से वार न करते हुए उसे जमीन पर पटक कर गला घोंट दिया। घटनास्थल से जब तीनों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए पहुंचा दिए गए थे, तभी ढ्ढत्र अविनाश शर्मा स्पॉट पर पहुंचे। उस समय पुलिस ऑफिसर और फॉरेंसिक टीम ने कुछ इस तरह सीन रीक्रिएशन कर उनको समझाया। साथ ही, बताया कि शव कहां-कहां पड़े थे।
ग्वालियर
ब्याज के धंधे के पन्नों में छिपा है परिवार के 3 सदस्यों की हत्या का राज,
- 07 Sep 2021