इंदौर। बायपास की खस्ताहाल सर्विस रोड को लेकर उलझन पैदा हो गई है। एक तरफ केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी सर्विस रोड को सीमेंट-कांक्रीट से बनाने की घोषणा कर चुके हैं, वहीं दोनों तरफ की सर्विस रोड को दो के बजाय चार लेन बनाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन राज्य सरकार को भेज चुका है। अब बायपास की सर्विस रोड नए सिरे से आखिर कौन बनाएगा, इसे लेकर असमंजस है।
उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री अधोसंरचना फंड के तहत सड़क चौड़ीकरण के लिए राशि मांगी है, जबकि यदि राजमार्ग मंत्रालय ही सड़क बनाएगा तो इसमें राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। बायपास की एक साल से बदतर हो चुकी सर्विस रोड का मामला गाहे-बगाहे उठता रहता है। खासतौर से राऊ से एमआर-10 जंक्शन के पास तक एक तरफ की सर्विस रोड की हालत ज्यादा खराब है। इसी हिस्से में नगर निगम ने नर्मदा तृतीय चरण की लाइन तो बिछाई, लेकिन स्तरीय सड़क मरम्मत नहीं की। वैसे भी नगर निगम के पास इतनी राशि है नहीं कि वह सर्विस रोड को फिर पुराने स्वरूप में ला सके। पिछले महीने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी इंदौर प्रवास पर आए थे और उनके सामने सांसद शंकर लालवानी ने यह मुद्दा उठाया था। उसी के बाद मंत्री ने अधिकारियों को सर्विस रोड को सीमेंट-कांक्रीट से बनाने के निर्देश दिए थे।
32 किमी का है बायपास
राऊ जंक्शन से मांगलिया जंक्शन के बीच इंदौर बायपास की लंबाई 32 किलोमीटर है। फिलहाल टुकड़ों-टुकड़ों में दोनों तरफ मिलाकर लगभग 30 किलोमीटर लंबी सर्विस रोड बनाई जा चुकी है। जिला प्रशासन इसे दोनों तरफ पूरी लंबाई (64 किमी) में फोरलेन करना चाहता है, जिससे बार-बार होने वाले यातायात जाम से निजात मिल सके। इधर, राजमार्ग मंत्रालय स्वाभाविक रूप से मौजूदा टू लेन सड़क को ही कांक्रीट का बना सकता है। बायपास के इर्द-गिर्द बसी टाउनशिप, मैरिज गार्डन और शहर में आने-जाने वाले वाहनों के कारण सर्विस रोड चौड़ी करना जरूरी हो गया है। इसी कारण बायपास के कंट्रोल एरिया से नगर निगम अतिक्रमण और अवैध निर्माण हटवा रहा है।
इंदौर
बायपास की सर्विस रोड की हालत खस्ता
- 14 Oct 2021