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इंदौर

बार-बार दावे भिखारी मुक्त होगा इंदौर लेकिन नहीं होता

  • 09 Nov 2021

इंदौर। अगर सर्वे किया जाए तो पता चलेगा कि भिखारी सरकार से मिलने वाली 600 रू. निराश्रित सहायता लेते हैं। कंट्रोल का अनाज लेते हैं लेकिन भीख मांगना नहीं छोड़ते।  इंदौर जिला प्रशासन समाज कल्याण विभाग के माध्यम से बार-बार कहता है कि इंदौर भिखारी मुक्त होगा लेकिन हर बार दावों की हवा निकल गई। शुक्रवार को महालक्ष्मी मंदिर राजबाड़ा, गुरूवार को दरगाहों, दत्त मंदिर, मंगलवार को बजरंगबली, शनिवार को शनिदेव मंदिरों पर भिखारियों की भीड़ देखकर अंदाजा लग जाएगा कि भिखारी घटे नहीं बढ़े हैं।
हर शनिवार को बाल्टियों में शनिदेव की प्रतिमा लेकर निकल पडऩे वाले भिखारी भी न्याय के देवता से डराकर खूब पैसा झपटते हैं। कहा जाता है कि महिलाएं शनिदेव को छू नहीं सकती। महिलाओं के लिए शनिदेव की पूजा व यहां तक कि छूना भी वर्जित है लेकिन इंदौर में हर शनिवार सैकड़ो महिलाएं शनिदेव को बाल्टी में टांगकर भीख मांगती है।   शनिवार को हर भिक्षुक जो तेल इक_ा करता है उसमें सरसों, तिल, सोयाबीन से लेकर पता नहीं कौन कौन से तेल का मिक्चर होता है। भिक्षुक सारा तेल इक_ा कर गली मोहल्लों में पानी पतासे, कचोरी समोसा, आलूबड़ा बनाने वालों को बेच देते है। इसी खराब तेल के तले नमकीन चाट को लोग खाकर बीमार पड़ते है।