पानी से भरे खेत, नुकसानी के आंकलन में हो रही दिक्कत
नीमच। जिले में बीते 5 दिनों से बारिश थमी हुई, लेकिन विडंबना यह है कि बारिश के कारण रबी की फसल की ग्रोथ भारी प्रभावित हुई है, जिसमें भी खासकर सोयाबीन और मक्का पर खासा असर पड़ा है। इधर राहत आयुक्त के निर्देश पर जिले में नुकसानी का आंकलन तो आरंभ हो चुका है, लेकिन पानी से भरे खेतों में सर्वे करने में दिक्कत हो रही है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों पूरे प्रदेश में भारी बारिश हुई थी। लगातार बारिश के कारण नदी, नाले उफान पर आ गए थे और तालाब और बांधों ने अपने किनारे छोड़ दिए थे। इधर खेतों में भी पानी भर गया था, जिसकी निकासी के लिए किसानों के प्रयास धूमिल साबित हुए थे।
वर्तमान में भी हालात यह है कि भले ही बीते 5 दिनों से बारिश थमी हुई है, लेकिन खेतों में पानी भरा हआ है। ऐसे में राहत आयुक्त के निर्देश पर फसल नुकसानी के सर्वे में भारी दिक्कत हो रही है। अधिकारियों के अनुसार शासन कै निर्देश पर राजस्व,कृषि और ग्रामीण विकास विभाग का अमला सर्वे में जुटा हुआ है, पर सर्वे के दौरान सबसे अधिक दिक्कत तालाब बन चुके खेत हो रहे हैं। इधर किसानों का कहना है कि लगातार बारिश से खेतों' में पानी भरा हुआ है और फसलें गल चुकी है, जिसके कारण फसल में ग्रोथ नहीं हो पा रही है ।
आने वाले 7 दिनों में हो जाएगा सर्वे
अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल यह कहना संभव नहीं है कि नीमच जिले में बारिश से कितना नुकसान हुआ है, लेकिन आने वाले 7 दिनों में सर्वे पूरा होते ही नुकसानी के आंकडे सामने आ जाएंगे अधिकारियों ने बताया कि रबी की फसल के आरंभ में ये लग रहा था कि इस बार उत्पादन अच्छा होगा, लेकिन लगातार बारिश के कारण फसल की जड़ गल चुकी है, जिसने पौधों की ग्रोथ याने बढ़वार को रोक दिया है। अब अगर बारिश नहीं होती है तो, कुछ उम्मीद है, लेकिन बारिश होती हैं तो किसानों को नुकसान होगा, जिसका असर उत्पादन पर भी पड़ेगा।
नीमच
बारिश का असर-रबी की फसल की रूकी ग्रोथ
- 29 Aug 2022