रतलाम। दारुल उलूम आयशा सिद्दीका तिलबिनात मदरसे में लड़कियों के कमरे में कैमरे और उन्हें स्कूल नहीं भेजने पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने सख्ती बरती है। आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने मदरसे को क्लीन चिट देने पर एडीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव को मदरसे का प्रवक्ता बताया। कानूनगो ने ट्वीट कर एडीएम को बाल अधिकारों पर ट्रेनिंग देने को कहा है।
कानूनगो के ट्वीट के बाद मंगलवार दोपहर कलेक्टर राजेश बाथम, जिला पंचायत सीईओ शृंगार श्रीवास्तव, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी मदरसे पहुंचे। लड़कियों से बातचीत की। खाचरोद रोड पर चलने वाले इस मदरसे में 47 बच्चियों का कक्षा 2 से 7वीं में एडमिशन कराकर उन्हें बुक्स दीं। मदरसे की जमीन के दस्तावेज भी देखे।
1 अगस्त को मध्यप्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ. निवेदिता शर्मा ने मदरसे की जांच की थी। तब उन्हें लड़कियों के कमरों में सीसीटीवी कैमरे लगे मिले थे। मदरसे को मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड की मान्यता भी नहीं है। 100 लड़कियों में से 40 ही स्कूल जाती मिली थीं। शर्मा ने अधिकारियों को सीसीटीवी कैमरों की डीवीआर जब्त करने के आदेश दिए थे।
इसके बाद 4 अगस्त को ए़डीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव मदरसे पहुंची थीं। उन्होंने बताया था कि बाल आयोग से उन्हें रिपोर्ट नहीं मिली है। उन्होंने यह भी कहा था कि बाल आयोग की टीम की जांच के बाद मदरसे से कैमरे हटा लिए गए हैं।
कानूनगो बोले- प्रशासन असंवेदनशील, नोटिस भेज रहे
प्रियंक कानूनगो ने बातचीत में कहा, ह्यप्रशासन की असंवेदनशीलता है। साफ लापरवाही नजर आ रही है। रतलाम कलेक्टर को नोटिस भेजा जा रहा है।ह्ण इस मामले में बाल आयोग सदस्य ने कैमरे की रिकॉर्डिंग की डीवीआर जब्त करने के मौखिक निर्देश तत्काल दे दिए थे। डीवीआर जब्त की जानकारी प्रशासन से आना बाकी है। आयोग द्वारा नोटिस जारी किया जाना बाकी है।
कलेक्टर बोले- रिपोर्ट का इंतजार कर रहे
कलेक्टर राजेश बाथम ने बताया बाल आयोग की सदस्या आई थीं। अभी उनकी निरीक्षण रिपोर्ट नहीं मिली है। शहर के कुछ मदरसों में खामियां पाई हैं। नोटिस दिया जा रहा है। बाल आयोग की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। दूसरी क्लास में 8, तीसरी में 7, चौथी में 16, पांचवी में 1, छठी में 11 और 7वीं में 4 मदरसे की लड़कियों का स्कूल में एडमिशन कराया है।
जांच के बाद क्या कहा था एडीएम ने...
जांच के बाद ए़डीएम डॉ. शालिनी श्रीवास्तव ने कहा था, ह्यरजिस्टर्ड समिति इस मदरसे को रन करती है। डॉक्यूमेंट सबमिट करने के लिए समिति ने समय मांगा है।ह्ण जांच को लेकर उन्होंने बताया था, ह्यएमपी बाल आयोग से रिपोर्ट नहीं मिली है। गैरमानवीय तरीके से बच्चियों के रहने की जानकारी मिली थी। इसकी जांच की।ह्ण
उन्होंने यह भी कहा, ह्यमदरसा बोर्ड का पोर्टल 2 - 3 साल से रन नहीं कर रहा, ऐसा समिति ने बताया है। मदरसे में ही स्कूल है, बच्चियों को इससे जोड़ने की भी कोशिश करेंगे।ह्ण क्लासरूम में कैमरे लगे हैं। लेकिन, बच्चियां जहां रहती हैं, वहां भी कैमरे लगे थे, इसे समिति ने स्वीकारा था। समिति के लोगों का कहना था कि बच्चियों का सामान चोरी न हो, इसके लिए लगाए थे।
रतलाम
बाल आयोग ने एडीएम को बताया मदरसे का प्रवक्ता, क्लीनचिट देने पर कहा- इन्हें ट्रेनिंग की जरूरत
- 07 Aug 2024