भोपाल। सूखा प्रभावित बुंदेलखंड की दिशा और दशा बदलने का समय आ गया है। पन्ना जिले में प्रस्तावित केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए भारत सरकार ने केंद्रीय बजट में एक हजार 400 करोड़ रुपये का प्रविधान कर दिया है। इससे न सिर्फ मध्य प्रदेश के हिस्से के बुंदेलखंड का सूखा समाप्त होगा, बल्कि उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में भी पानी पहुंचेगा। परियोजना से दोनों राज्यों में आठ लाख 80 हजार हेक्टेयर में सिंचाई हो सकेगी, वहीं कई गांव व शहरों का पेयजल संकट भी दूर हो जाएगा।
क्षेत्र का औद्योगिकीकरण होने से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। केन-बेतवा देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना है। वर्ष 2005 में स्वीकृत इस परियोजना पर अब बजट मिलने के बाद निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। इससे मध्य प्रदेश के पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, निवाड़ी, सागर, रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया जिले को सिंचाई और पेयजल के लिए पानी मिलेगा।
गैर वर्षाकाल (नवंबर से मई तक) में दौधन बांध से मध्य प्रदेश को 1834 एमसीएम (मिलियन क्यूबिक मीटर यानी 1834 अरब लीटर) और उत्तर प्रदेश को 750 एमसीएम (750 अरब लीटर) पानी मिलेगा। सामान्य वर्षाकाल में मध्य प्रदेश को दो हजार 350 और उत्तर प्रदेश को एक हजार 700 एमसीएम (अरब लीटर) वार्षिक जल मिलेगा।
2005 में हुआ था परियोजना के लिए समझौता : परियोजना के लिए सबसे पहले मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच वर्ष 2005 में समझौता हुआ था। जल बंटवारे सहित अन्य मुद्दों पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इस पर काम शुरू नहीं हो पा रहा था। 22 मार्च 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच त्रिपक्षीय समझौता अनुबंध हुआ। दौधन के पास बांध बनाकर केन नदी का पानी रोका जाएगा। यहां से 221 किमी लंबी नहर के माध्यम से केन बेसिन के 1074 अरब लीटर पानी बेतवा बेसिन में पहुंचाया जाएगा। तीन बांध बेतवा नदी पर बनाए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 470 किमी लंबी केन नदी बुंदेलखंड की प्रमुख नदी है।
भोपाल
बजट 2022 से मुस्कुरा उठी केन और खुश हो गई बेतवा
- 02 Feb 2022