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भोपाल

बड़ा तालाब - बन रहा सीमेंट कांक्रीट का जंगल

  • 18 Feb 2022

भोपाल। राजधानी की लाइफ लाइन कहा जाने वाला बड़े तालाब के कैचमेंट का दायरा लगातार कम होता जा रहा है। 361 वर्ग किमी में फैले तालाब के कैचमेंट के करीब 125 हैक्टर में अवैध निर्माण होने से कांक्रीट का जंगल नजर आ रहा है। इसका नतीजा यह है कि धीरे-धीरे तालाब भी सिकुड़ता जा रहा है। उसमें गाद भरती जा रही है।
तालाब के आसपास अब केवल वन विहार की ही हरियाली नजर आती है। ईंटखेड़ी छाप, जमुनिया छीर, भैंसाखेड़ी, बेहटा, बोरवन ही नहीं, बल्कि तालाब के दूसरी ओर बमोरी, बिशनखेड़ी, सेवनिया गौंड आदि में भी ग्रीन एरिया खत्म होता जा रहा है। यहां फार्म हाउस और अवैध कालोनियों तेजी से कट रहीहै। भोपाल मास्टर प्लान-2005 की मौजूदा स्थिति पर प्रशासन द्वारा कराई स्टडी के अनुसार क्षेत्र में पीएसपी लैंडयूज के लिए आरक्षित पूरी जमीन का उपयोग हो चुका है, साथ ही पंचायतों से अनुमति लेकर अन्य निर्माण भी हो गए हैं।
मास्टर प्लान में अरेरा हिल्स, शाहपुरा, श्यामला, ईदगाह और मनुआभान सहित अन्य पहाडिय़ों के संरक्षण की बात कही गई थी। लेकिन पहाडिय़ों पर बेहिसाब निर्माण हो गया है और 800 हैक्टेयर पहाड़ी क्षेत्र खतरे में है। अरेरा हिल्स पर जिस तेजी से सरकारी भवनों का निर्माण हुआ है, मास्टर प्लान में उसकी कल्पना भी नहीं थी। एक ऑफिस कांप्लेक्स की बात जरूर प्लान में थी, लेकिन उसकी बजाय हर सरकारी विभाग और एजेंसी ने अलग-अलग ऑफिस बना लिए।