Highlights

इंदौर

भाइयों का मुंह मीठा कराने का बदला पेटर्न, मिठाई नहीं अब बहनें बुक करा रही चाकलेट्स

  • 23 Aug 2023

इंदौर। जैसे-जैसे समय बदलता जा रहा है त्योहार मनाने का तरीका भी बदल रहा है. कभी घर की मिठाई का चलन था फिर बाजार की मिठाई और अब चाकलेट का दौर चल रहा है. इस रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों का चाकलेट्स से मुंह मीठा कराने के लिए अभी से बुकिंग करा रही हैं. वहीं भाई भी इस काम में पीछे नहीं हैं, वह भी रक्षाबंधन पर बहनों के लिए उनकी पसंद की स्पेशल चाकलेट बुक करा रहे हैं.
कई प्रकार की होती है चॉकलेट
इन दिनों राखी के लिए मैन्युफैक्चर्स द्वारा खास चॉकलेट्स तैयार की जा रही हैं, जो आम चॉकलेट्स और मिठाइयों से बहुत अलग हैं. इंदौर की चॉकलेट मैन्यूफैक्चरर नैना पंजाबी बताती है बच्चों और यंग जनरेशन को चॉकलेट्स बहुत पसंद आती है, जो कई प्रकार की होती जैसे मोल्डेड चॉकलेट, कोटेड चॉकलेट, लेयर्ड चॉकलेट, फिल्ड चॉकलेट और चॉकलेट क्लस्टर लेकिन कॉमन चॉकलेट्स से डिफरेट इस बार राखी के लिए हमने खास हैंडमेड प्रिंट चॉकलेट्स तैयार की है.
मैसेज भी प्रिंट करा सकते हैं
चॉकलेट का आकर्षण सिर्फ फ्लेवर ही नहीं इनकी डिजाइंस भी है. इसे मिठाई के रूप में चॉकलेट नट्स, बॉल, ट्रोयाल जैसे शेप्स में डिजाइन किया गया है. इस पर सिम्बॉल या मैसेज भी प्रिंट करा सकते है.  
61 फ्लेवर में हैं चाकलेट
कई लोगों का अपना एक पसंदीदा फ्लेवर होता है जिसे वो आम मिठाई में नहीं खा पाते इसलिए स्पेशल राखी के लिए चॉकलेट मेकिन मे वोडका, कॉफी, लेमन मिट, पान जैसे 61 फ्लेवर है, जिसे वे अपने दोस्तों को फेस्टिवल्स पर गिफ्ट कर सकें. ये चॉकलेट्स 30 रु. प्रति पीस से इनके फ्लेवर डिजाइस और साइज के अकॉर्डिंग 80 रुपए प्रति पीस तक परचेस की जा सकती है.
बढ़ती जा रही मांग
समय के साथ-साथ मिठाइयों की जगह चाकलेट की मांग बढ़ती जा रही है. इसके चलते निर्माता भी आकर्षक पैकिंग में चाकलेट उपलब्ध करा रहे हैं.
1111111111111111
बेटों ने पूरी की स्व. मां की इच्छा ...
दो करोड़ की जमीन स्वामीजी को सौंपी
इंदौर। बदलते समय के साथ देखने में आ रहा है कि पारिवारिक और संपति के विवाद में कई बार कलयुगी बेटे ही माता-पिता के दुश्मन बन जाते हैं और उन पर हाथ तक उठा देते हैं, लेकिन आज के समय में कुछ ऐसे बेटे भी हैं, जो अपनी मां के स्वर्गवास के बाद भी उनकी इच्छा को पूरा करना अपना परम कर्तव्य समझते हैं. अपनी मां की इच्छा पूरी करते हुए तीन बेटों ने दो करोड़ रुपए की जमीन मठ को सौंपी और मां का संकल्प पूरा किया.
कोठारी परिवार ने नेमावर में हुए धार्मिक आयोजन के दौरान नागोरिया पीठाधीश्वर विष्णुप्रपन्नाचार्य स्वामीजी को 1 एकड़ रुपए जमीन दी. दरअसल कोठारी परिवार की मुखिया गुलाबबाई पति शालिग्राम कोठारी का निधन 10 फरवरी 2018 को हो गया था.मृत्यु से करीब 2 माह पहले गुलाबबाई ने विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज से मिलकर उन्हें मठ को एक एकड़ जमीन दान में देने की इच्छा जाहिर की और संकल्प लिया.
महाराज को दिलाया विश्वास
महाराज ने भी तुरंत कहा कि अगर भविष्य में आपके सुपुत्रों के बीच आपके इस निर्णय को लेकर मतभेद हुए तो समस्या होगी, तभी गुलाबबाई ने महाराज को विश्वास दिलाया कि ऐसा कुछ नहीं होगा.
पांच साल बाद तीनों भाई ने दी जमीन
करीब पांच साल बाद नेमावर में हुए धार्मिक आयोजन के दौरान गुलाबबाई के पुत्र डॉ मोहन कोठारी ने निवासी कन्नौद, विष्णुप्रसाद कोठारी निवासी इंदौर और रामनारायण कोठारी निवासी कन्नौद ने नेमावर में विष्णु प्रपन्नाचार्य महाराज को दो करोड़ रुपए कीमत एक एकड़ जमीन सौंपी. यह जमीन मुख्य मार्ग इंदौर-नागपुर हाइवे पर स्थित है.
जमीन के अन्न को धार्मिक कार्य में लगाने की थी इच्छा
विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने भी कोठारी परिवार के इस निर्णय पर उन्हें साधुवाद दिया और बताया कि कोठारी परिवार की माताजी ने उनके सामने ही जमीन देने को लेकर संकल्प लिया था. स्वामी ने बताया कि गुलाब बाई ने इस जमीन पर होने वाले अन्न को धार्मिक कार्य हेतु उपयोग की इच्छा भी जताई थी.