भोपाल। सबसे खतरनाक मानी जाने वाली बीमारी कैंसर के पेशेंट लिस्ट में बच्चों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। पिछले एक साल में ही राजधानी में 14 साल तक की उम्र के 39 ऐसे नए बच्चे सामने आए हैं, जो कैंसर से जूझ रहे हैं। इनमें 24 लड़के और 15 लड़कियां शामिल हैं। इनमें से ज्यादातर 15-15 दिन तक कीमोथैरेपी का दर्द झेल चुके हैं।
ये चौंकाने वाले आंकड़े आईसीएमआर के नेशनल सेंटर आॅफ डिसीज इन्फॉर्मेशन एंड रिसर्च की रिपोर्ट में सामने आए हैं। ये रिपोर्ट गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के डॉक्टरों ने तैयार की है। प्रोफाइल आॅफ कैंसर एंड रिलेटेड फैक्टर, मप्र 2021 की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि मप्र में हर एक लाख की आबादी में 75 साल तक की उम्र वाले लोगों में 1789 नए केस कैंसर के सामने आए हैं। इनमें 892 पुरुष और 897 महिलाएं हैं।
भोपाल में बच्चों में कैंसर के नए मामले सामने आने के पीछे डॉक्टरों का तर्क है कि ज्यादातर बच्चों में ये जेनेटिक होता है। पिछले साल आई रिपोर्ट में 155 बच्चों में कैंसर होने पुष्टि हुई थी। हालांकि ये रिपोर्ट 4 साल के तुलनात्मक अध्ययन के आधार पर तैयार की गई थी। जवाहरलाल कैंसर अस्पताल के अंकोलॉजिस्ट डॉ. विजय भार्गव ने बताया कि उनके यहां रोज 3 से 4 नए बच्चे रजिस्ट्रेशन के लिए आते हैं। बच्चों में कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन बड़ों की अपेक्षा बच्चों में ठीक होने की क्षमता अधिक है।
बच्चों में कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन बड़ों की अपेक्षा बच्चों में ठीक होने की क्षमता अधिक है।
बच्चों में कैंसर के केस बढ़ रहे हैं, लेकिन बड़ों की अपेक्षा बच्चों में ठीक होने की क्षमता अधिक है।
कैंसर के मुख्य कारण
जेनेटिक, गुटखा, खैनी, सिगरेट, बीड़ी, शराब, मोटापा, इन्फेक्शन, शारीरिक असक्रियता, वायु प्रदूषण आदि।
डॉक्टरों का तर्क- ज्यादातर बच्चों में कैंसर का सबसे बड़ा कारण जेनेटिक।
भोपाल
भोपाल -एक साल में 14 साल तक के 39 बच्चों को हुआ कैंसर, 15-15 दिन तक झेला कीमोथैरेपी का दर्द
- 04 Feb 2022