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भोपाल से होगी सेंट्रल इंडिया में बीमारियों की खुफिया निगरानी

  • 22 Aug 2022

सौ करोड़ की लागत से देश का पहला रीजनल सेंटर भोपाल में बनाएगी
भोपाल। स्वाइन फ्लू, जीका, निपाह, कोरोना जैसी बीमारियों के मरीज बढऩे से सरकार और मेडिकल एक्सपट्र्स के सामने चुनौती पैदा हो जाती है। संक्रामक वायरस की जांच के लिए अभी सैंपल दिल्ली, पुणे भेजने पड़ते हैं। मप्र सहित सेंट्रल इंडिया में कोई लैब न होने से बीमारियों की समय से पहचान और रोकथाम नहीं हो पाती। सीबीआई की तर्ज पर बीमारियों की पहचान कर हालात को कंट्रोल करने के लिए भोपाल में हृष्टष्ठष्ट (नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल) देश का पहला रीजनल सेंटर भोपाल में बनाएगी। 10 एकड़ जमीन पर सौ करोड़ की लागत से यह सेंटर बनाया जाएगा।
मंत्री सारंग के प्रयासों से भोपाल में बनेगा सेंटर
दरअसल कोरोना संकट के पहले भोपाल में एनसीडीसी की एक बायोसेफ्टी लेवल- 2 लैब बनाने का प्रस्ताव बनाया गया था। इसके लिए पहले ईदगाह हिल्स पर जमीन देने की सहमति बनी लेकिन वहां अतिक्रमण न हटवा पाने के बाद इसे सीहोर जिले में बनाने का प्लान बना। फिर दूरी ज्यादा होने के चलते इसे एयरपोर्ट के पास जमीन देने की बात हुई लेकिन मप्र के स्वास्थ्य महकमे और जिला प्रशासन अफसरों ने इसमें ज्यादा रूचि नहीं दिखाई। इस मामले की जानकारी जब चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग को हुई तो उन्होंने जिला प्रशासन और एनसीडीसी के अफसरों के साथ मीटिंग कर इसके लिए जमीन आवंटन कराने और रीजनल सेंटर बनाने के लिए खुद पहल शुरु की है।
सीबीआई की तरह बीमारियों और आपदाओं पर रखेगा नजर
एनसीडीसी के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल में एनसीडीसी का रीजनल सेंटर सीबीआई की तरह बीमारियों के प्रसार पर नजर रखेगा। इस सेंटर में आरटीपीसीआर जांच से लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग, लेकर तमाम जांच की व्यवस्थाएं होंगी। बल्कि रिसर्च के लिए विशेषज्ञों की टीम काम करेगी।