मैनपुरी. सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के आश्रम पर अचानक आधी रात में मैनपुरी पुलिस ने छापेमारी कर दी. इस दौरान एसपी सिटी, सीओ भोगांव के साथ पुलिस टीम आश्रम में पहुंची थी. पुलिस टीम आश्रम के अंदर करीब 1 घंटे से ज्यादा तक रही. अफसर जब बाहर निकले तो कहने लगे कि हम सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था देखने आए थे. बाबा अंदर नहीं है. अंदर 50 से 60 महिला पुरुष-श्रद्धालु हैं, जो इस आश्रम में अमूमन आते रहते हैं.
जब पुलिस से सवाल किया गया कि हाथरस कांड में नामजद आरोपी की तलाश के लिए पुलिस आई थी या बाबा से पूछताछ के लिए आई थी? इस बात को पुलिस ने सिरे से नकार दिया. देर रात मैनपुरी पुलिस के द्वारा की गई यह छापेमारी और एक घंटे से ज्यादा तक आश्रम में रुकना कई सवाल खड़े कर गया.
हाथरस में हुई घटना के बाद से ही बाबा के आश्रम पर चारों तरफ पुलिस की पहरेदारी है तो फिर आधी रात में पुलिस कौन सी सुरक्षा का जायजा लेने आई थी? क्या पुलिस को कोई विशेष इनपुट मिला था, जिसके लिए आधी रात में आश्रम की सुरक्षा व्यवस्था देखने पुलिस अफसर दल बल के साथ गए? पुलिस ने माना कि आश्रम में महिला श्रद्धालु भी थीं, लेकिन पुलिस की टीम में कोई महिला पुलिस कर्मी नहीं थी.
हाथरस कांड में दर्ज करवाई गई पुलिस की तरफ से एफआईआर में लिखा गया कि बाबा के सुरक्षा गार्ड्स ने पब्लिक को धक्का मारना शुरू किया, जिसकी वजह से भगदड़ मची थी, तो क्या मंगलवार को बाबा की सुरक्षा में तैनात उन सुरक्षाकर्मियों से पूछताछ करने या उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम छापेमारी करने पहुंच गई थी. क्या हाथरस कांड में नामजद बाबा के भक्त आयोजनकर्ता की तलाश में छापेमारी हुई?
साभार आज तक