उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह चार बजे होने वाली बाबा महाकाल की भस्म आरती को देखने के लिए हर कोई लालायित रहता है। लेकिन श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के नियमों के तहत प्रतिदिन 1,600 श्रद्धालु ही बाबा महाकाल की इस आरती में शामिल हो पाते हैं। भस्म आरती को देखने के लिए ऑफलाइन और ऑनलाइन के साथ ही प्रोटोकॉल के तहत परमिशन दी जाती है। लेकिन इस व्यवस्था के बावजूद भी कई श्रद्धालु धोखेबाजों का शिकार होते हैं।
भस्म आरती देखने के लिए प्रति व्यक्ति एक, दो नहीं, बल्कि10,000 तक शुल्क चुकाते हैं। इसी प्रकार की ठगी को रोकने के लिए आने वाले दिनों में श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति प्रयोग के तौर पर एक नई व्यवस्था लागू करने वाली है, जिसके तहत अब बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने जाने वाले श्रद्धालुओं की कलाई पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन बैंड बांधा जाएगा, जिससे ऐसे श्रद्धालुओं की पहचान आसानी से की जा सकेगी। जो कि बिना परमिशन के भस्म आरती में शामिल हुए हैं।
बता दें कि इस नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि भस्म आरती के नाम पर हो रही ठगी पर रोक लगाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जाने वाली है, जिसके तहत अब बाबा महाकाल की भस्म आरती देखने पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को मुख्य द्वार से परमिशन दिखाकर जैसे ही एंट्री मिलेगी। वैसे ही उनके हाथों पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन बैंड बांध दिया जाएगा। इस बैंड के बंधने से श्रद्धालुओं को बार-बार परमिशन चेक नहीं करवाना पड़ेगी। श्रद्धालुओं को यह बैंड हाथों में तब तक बांधे रखना होगा, जब तक की भस्म आरती पूर्ण न हो जाए।
लगातार बढ़ रही थी भस्म आरती के नाम पर ठगी
याद रहे की भस्म आरती के नाम पर लगातार धोखेबाज बाबा महाकाल के भोले वाले भक्तों को ठग रहे हैं। इसको लेकर पिछले काफी समय से इस प्रकार की नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी की जा रही थी। बताया जा रहा है कि इस नई व्यवस्था से भस्म आरती के नाम पर होने वाली ठगी की घटनाओं में कमी आएगी।
उज्जैन
भस्मारती में दर्शनार्थियों को अब हाथ में बांधना होगा रेडियो फ्रीक्वेंसी बैंड
- 12 Sep 2024