कलेक्टर ने तत्काल की 10 हजार रुपए की मदद
प्राइवेट लैब की महंगी जांच के रुपए भी लौटाएंगे
इंदौर। मंगलवार को कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में एक मासूम बच्ची के बारे में जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर ने उसके परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई। जनसुनवाई में खजराना निवासी नरगिस पति इरशाद अपनी तीन साल की मासूम बच्ची को लेकर अस्पताल पहुंची। उसकी नाक में नली लगी हुई थी। उसे बार-बार झटके आ रहे थे। महिला ने बताया कि बच्ची जन्म से रोई नहीं है। कुछ दिनों बाद पता चला कि वह सुन भी नहीं सकती और कभी पैदल चली भी नहीं। उसकी आंखों से दिखना भी बंद हो गया है। इस पर कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी ने तत्काल उसे रेड क्रॉस सोसाइटी की ओर से 10 हजार रुपए की सहायता उपलब्ध कराई।
नरगिस का पति मजदूरी करता है। एक बेटा 5 वर्ष का है, जबकि दूसरी तीन साल की बेटी अलबिसा है। उसने कलेक्टर को बच्ची की इलाज की फाइल बताई और कहा कि बचपन से ही उसे झटके आने की गंभीर बीमारी है और एमवाय अस्पताल में इलाज चल रहा है। जन्म के दौरान बच्ची रोई नहीं थी। फिर कुछ दिनों बाद डॉक्टरों ने बताया कि वह बहरी है। धीरे-धीरे उसकी अन्य गतिविधियां भी सामान्य नहीं रही। वह चलने में भी अक्षम है और छह माह से बिस्तर पर ही है। चार माह से उसे दिखना भी बंद हो गया है। पहले उसे चार-छह माह में झटके आते थे, लेकिन अब रोज कई बार आते हैं। ठीक से खाती-पाती भी नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि यह गंभीर बीमारी है तथा बहुत कम लोगों में पाई जाती है।
महिला ने बताया कि बच्ची का आयुष्मान कार्ड है और उसी के तहत इलाज हो रहा है। लेकिन कई जांच ऐसी है कि वह सरकारी अस्पतालों में नहीं होती और प्राइवेट लैब से करवानी पड़ रही है जो काफी महंगी हैं। हाल ही में करीब 20 हजार रुपए की जांच कराई गई, जबकि अभी और करवानी है। परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। इस पर कलेक्टर ने तत्काल फोन पर डीन से बात की और जांच को लेकर स्थिति जानी। इसके साथ ही स्टाफ को कहा कि परिजन ने अभी तक जितनी भी जांच बाहर से करवाई है, उसकी जानकारी जुटाए। प्रशासन वह राशि भी परिजन को देगा। इसके साथ ही रेड क्रॉस सोसाइटी को कहा कि वे डॉक्टरों से समन्वय कर जानकारी लें। बच्ची के इलाज में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
बिल्डरों पर सख्ती
जनसुनवाई में वात्सल्य ग्रुप के खिलाफ भी पीड़ितों ने शिकायत की। इस पर कलेक्टर ने मौके पर ही ग्रुप के कर्ताधर्ता से बात की। मामले में कलेक्टर ने बताया कि इस मामले में दो बार मीटिंग हो चुकी है। मामला पांच कॉलोनियां के डेवलपमेंट व समय सीमा का है। कई लोगों को अभी भी प्लाट के कब्जे नहीं मिले और रजिस्ट्री नहीं की गई। मामले में संबंधितों को सख्ती से कहा गया है। अब अगर वे निर्धारित प्रक्रिया नहीं करते तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने इनका भी रखा पूरा ध्यान
जनसुनवाई में होनहार एक छात्र जो टॉपर रहा उसके परिवार की आर्थिक स्थिति और किराए के मकान की जानकारी मिलने पर कलेक्टर ने उक्त छात्र व उसके पिता को बुलाया है। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान उपलब्ध कराया जाएगा। ऐसे ही जरूरतमंद छात्राओं को स्कूटी उपलब्ध करवाई गई। खास बात यह कि जनसुनवाई में भीड़ के मद्देनजर बाहर खड़े लोगों के लिए कलेक्टर ने कुर्सियों के साथ चाय का इंतजाम भी करवाया।
इंदौर
मूक-बधिर और नेत्रहीन मासूम को मिली आर्थिक सहायता
- 21 Jun 2023