चौका देने वाले आकड़े आये सामने, इसके बावजूद उठ रहे विभाग पर सवाल..?
इन्दौर। मध्यप्रदेश की इंदौर पुलिस को प्रदेश की सबसे हाईटेक पुलिस कहा जाता है लेकिन जब प्रदेश के मुखिया ही पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज हो तो सवाल उठने लाजिमी है। हालांकि पुलिस द्वारा जारी किए गए आंकड़े ये बताने के लिए काफी है कि इंदौर पुलिस दिन रात मेहनत में जुटी हुई है ,लेकिन सीएम की फटकार लगने के बाद अब पुलिस हर कदम फूंक - फूंक कर रख रही है।
इन सब बातों का ही परिणाम है कि पुलिस अधिकारी इस बात पर जोर दे रहे है कि पुलिस अधिकतर समय विजिबल (सड़क या फील्ड पर दिखाई दे) रही है। इंदौर एस पी आशुतोष बागरी ने बताया कि आईजी और डीआईजी सर के साथ ही हमारे निर्देश भी है शाम के वक्त पुलिस फील्ड में रहे और जहाँ आपराधिक तत्व बैठते है, जैसे शराब पीने वाले या जुआ खेलने वाले ऐसे स्थानों पर तत्काल रेड कर की कार्रवाई की जाए। इसी का परिणाम है कि पिछले चार दिनों के अंदर ही साठ से सत्तर चाकूबाज पुलिस गिरफ्त में आये है। वही पुलिस की निगाह साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वालो पर भी है और इसी के लिए हाल ही में पुलिस ने कार्रवाई कर ऐसे लोगो को धरदबोचा है। वही ऐसी टीम को पुरस्कृत भी किया गया है जिन्होंने ऐसे लोगो पर कार्रवाई की है।
इन्दौर के पूर्वी क्षेत्र के एसपी आशुतोष बागरी ने बताया कि राउ क्षेत्र में चेकिंग के दौरान अज्ञात आरोपी द्वारा पुलिस पर हमला करने वाले बदमाश पर दस हजार का इनाम रखा गया है वही पुलिस ने धारा 307 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है। एसपी ने बताया कि अज्ञात बदमाश की पहचान हो चुकी है और जल्द ही वह पुलिस गिरफ्त में होगा।
पुलिस के ये आंकड़े हैरान कर देंगे
इस वर्ष इंदौर पुलिस ने एकजनवरी से लेकर अब तक चार हजार बदमाशो पर धारा 110 के तहत कार्यवाही कर बांड भी भरवाए है।
इस वर्ष पुलिस ने चोवालिस बदमाशो को धारा 122 के तहत कार्यवाही कर जेल भी भेजा है।
2019 के मुकाबले अभी तक 25 आर्म एक्ट और कानून का उल्लंघन करने वाले दस हजार बदमाशो पर कार्यवाही कर जेल भेजा गया है।
पुलिस के मुताबिक 2019 के अपराधों की तुलना में 2021 में अपराध कम हुए है।
इंदौर पुलिस ने जहां पिछले साल छत्तिस बदमाशो पर रासुका की कार्यवाही की थी वही इस इस वर्ष अब तक सत्तर से ज्यादा बदमाशो पर रासुका की कार्यवाही की है
पुलिस की हालिया चेकिंग के दौरान करीब पचास से साठ चाकूबाजो पर भी कार्रवाई की गई है।
हालांकि, इंदौर पुलिस के ये आंकड़े इस बात को बताने के लिए काफी है कि पुलिस अपनी ड्यूटी जिम्मेदारी से निभा रही है बावजूद इसके सीएम की फटकार क्यो, इस पर कई सवाल बने हुए है। जिनमे प्रमुख तौर पर साम्प्रदायिक मामलों का सामने आना, लॉक डाउन के बाद लूट और डकैती के मामले बढ़ जाना, हत्या जैसी वारदातों में तेजी आना और बदमाशो का निडरता से वारदातों को अंजाम देना। कुछ ऐसे ही सवाल पुलिस की मुश्किलें बढ़ाये हुए है।