इंदौर। मेट्रो प्रोजेक्ट का स्वरूप अब एमआर-10 (टफ-10) पर नजर आने लगा है। तेजी से जहां पिलरों के निर्माण कार्य पूरे किए जा रहे हैं, वहीं कॉस्टिंग यार्ड में जो 600 से अधिक सेगमेंट प्री-कॉस्टिंग के जरिए तैयार किए गए थे उसके बाद अब गर्डर लॉन्चिंग और लोड टेस्टिंग का काम मंगलवार से शुरु किया गया है। प्राधिकरण द्वारा निर्मित करवाए जा रहे अंतर्राज्यीय बस टर्मिनल यानी आईएसबीटी के नजदीक ही बनने वाले यह गर्डर लॉन्चिंग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ सुपर कॉरिडोर पर 75 एकड़ जमीन पर मेट्रो डिपो का भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है और अब रिंग रोड और उसके आगे काम शुरू किया जा रहा है। वहीं अंडरग्राउंड मेट्रो में पिछले दिनों जो खामियां नजर आई थी उसे भी दूर किया जाएगा।
संभव है कि सघन इलाकों में अब अंडरग्राउंड की जगह एलिवेटेड ट्रैक पर ही काम किया जाए। मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कापोर्रेशन द्वारा इंदौर-भोपाल में प्रोजेक्ट अमल में लाया जा रहा है, जिसके लिए सरकारी जमीनें भी प्रशासन से हासिल की जा रही है। खासकर मेट्रो स्टेशनों के लिए इन जमीनों की दरकार है। लिहाजा संबंधित तहसीलदारों द्वारा इन जमीनों को लेकर दावे-आपत्तियां भी बुलवाई जा रही है। वहीं पिछले दिनों मेट्रो रेल कापोर्रेशन की एमडी ने तीन दिन इंदौर में रहकर शहर के मध्य और घने क्षेत्र में यातायात और मेट्रो प्रोजेक्ट के पूरे रुट का निरीक्षण किया था। दरअसल, कोठारी मार्केट सहित सघन क्षेत्र के व्यापारियों ने भी अंडरग्राउंड मेट्रो का विरोध किया, क्योंकि इसके लिए खुदाई संभव नहीं है। लिहाजा अब तय किया जा रहा है कि सघन क्षेत्र में एलिवेटेड ट्रैक पर काम किया जाए। अभी जो 31.55 किलोमीटर का पहला चरण मेट्रो का तैयार किया जा रहा है उसमें कुल 29 स्टेशन बनना है, जिनमें से 6 अंडरग्राउंड और 23 एलिवेटेड यानी जमीन के ऊपर बनेंगे, लेकिन गांधी हॉल से बड़ा गणपति तक के अंडरग्राउंड हिस्से में सबसे अधिक परेशानी है, क्योंकि यह शहर का सघन और व्यस्त क्षेत्र है, जहां यातायात का दबाव अत्यधिक रहता है। इंदौर एयरपोर्ट से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर, एमआर-10, शहीद पार्क, रोबोट चौराहा और वहां से पलासिया होते हुए गांधी हॉल, बड़ा गणपति और फिर एयरपोर्ट तक इसका रुट रहेगा। वहीं एमआर-10 पर तेज गति से मेट्रो प्रोजेक्ट का काम चल रहा है।
इंदौर
मेट्रो प्रोजेक्ट में लॉन्चिंग गर्डर की लोड टेस्टिंग शुरू
- 20 Apr 2022