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इंदौर

मेट्रो प्रोजेक्ट -सभी कोच लंदन और सिंगापुर स्तर के

  • 07 Sep 2023

सीएम14 को इंदौर और  20 सितम्बर के बाद भोपाल में मेट्रो ट्रायल रन का शुभारंभ करेंगे
इंदौर। रात-दिन मेट्रो प्रोजेक्ट को समय सीमा में पूरा करने का काम चल रहा है। खासकर अभी प्रायोरिटी कॉरिडोर पर होने वाले ट्रायल रन की जोर-शोर से तैयारी चल रही है। भोपाल में 15 सितंबर तक मेट्रो ट्रेन के कोच आ जाएंगे, वहीं जो तीन कोच वाली पहली मेट्रो ट्रेन इंदौर पहुंची, उसे ट्रायल रन के लिए तैयार किया जा रहा है। इंदौर-भोपाल के मेट्रो प्रोजेक्ट में कुल 156 कोच दौड़ेंगे, जिसके निर्माण और संचालन-संधारण का ठेका जानी-मानी एल्सटॉम इंडिया को दिया गया है।
बताया गया है की 3248 करोड़ के इस ठेके में कोच निर्माण के साथ संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण सिग्नलिंग प्रणाली और 15 साल तक कोच का रख-रखाव भी शामिल है। इसी कम्पनी द्वारा लंदन, सिंगापुर, स्टॉक होम में भी कोच तैयार कर दिए गए हैं। यानी, उसी अंतरराष्ट्रीय स्तर के अत्याधुनिक कोच इंदौर-भोपाल में भी दौड़ेंगे और वायरस फ्री भी रहेंगे।
ट्रायल रन की चल रही है रात-दिन तैयारियां  
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान संभवत: 14 सितम्बर को इंदौर में और फिर 20 सितम्बर के बाद भोपाल में मेट्रो ट्रायल रन का शुभारंभ करेंगे। इन दिनों इंदौर में ट्रायल रन की रात-दिन तैयारी चल रही है। गुजरात के सावली से अभी पिछले हफ्ते ही पहली मेट्रो ट्रेन इंदौर पहुंची। इंदौर में कुल 25 ट्रेन सेट और भोपाल में 27 ट्रेन सेट के निर्माण का जिम्मा एल्सटॉम इंडिया को सौंपा गया है, जो अत्याधुनिक रोलिंग स्टॉक मैन्युफेक्चरिंग में माहिर है और मोविया मेट्रो नवीनतनम तकनीक से लैस है। एल्सटॉम और मोविया ने ही विश्व स्तर की मेट्रो ट्रेन दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, लखनऊ, कोच्ची से लेकर विदेशों में सिडनी, क्विंसलैंड और मोंट्रियल में तो दी ही है, वहीं लंदन स्टॉक होम, सिंगापुर में भी कुशल परिचालन कर रही है।
पर्यावरण अनुकुल डिजाइन पर जोर
बताया गया है की ये वातानुकुलित कोच इस तरह से विकसित किए गए हैं कि इसमें कोरोना जैसे वायरस भी निष्प्रभावी हो जाते हैं और खतरनाक पदार्थों को खत्म करने के साथ पर्यावरण अनुकुल डिजाइन पर जोर दिया गया है। रीजनरेटिंग ब्रेकिंग सिस्टम भी इन ट्रेनों में रहेगा और स्मार्ट लाइट के जरिए ऊर्जा बचत भी होगी। संकट के समय ट्रेन ऑपरेटर और नियंत्रण केन्द्र के साथ एक प्रत्यक्ष संचार चैनल भी शामिल रहेगा और सीसीटीवी की सुविधाएं भी इतनी अत्याधुनिक है कि किसी भी व्यक्ति विशेष की खोई हुई वस्तु की पहचान की जा सकेगी।
 विकलांग व्यक्तियों के लिए  विशेष सुविधा  
 एक विशेष सुविधा के तहत विकलांग व्यक्तियों के लिए भी व्हील चेयर वाला स्थान रहेगा। एल्स्टॉम इंडिया कोच निर्माण के साथ-साथ सिग्नलिंग प्रणाली का भी जिम्मा संभालेगा और 7 साल तक ट्रेन नियंत्रण और दूरसंचार प्रणालियों की स्थापना और उनकी देख-रेख करेगा। इतना ही नहीं, जो कोच निर्मित किए गए हैं उनके भी संचालन, संधारण की जिम्मेदारी 15 साल तक रहेगी। आगरा-कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट के साथ एल्स्टॉम इंडिया को इंदौर-भोपाल को यह दूसरा बड़ा 3248 करोड़ रुपए का ठेका मिला है, जिसने पिछले दिनों इंदौर में पहले ट्रेन सेट की सफलतापूर्वक डिलीवरी भी कर दी, जिसे साढ़े 14 महीने के रिकॉर्ड समय में निर्मित किया गया।