भारत की महिलाओं ने देश से लेकर विदेश तक में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। जिसमे से एक नाम है मैडम मेनका का। जिन्होंने अपनी डांस स्किल से हर किसी को अभिभूत कर दिया था। गुलाम भारत की एक ऐसा महिला जिसने अपनी संस्कृति और नृत्य को विदेश में पहचान दिलाई और डांस ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया। कत्थक में निपुण इस डांसर का मूल नाम था लिली सोखे। जो कि मीडिया के बीच चॉकलेट लिली के नाम से मशहूर थीं।
लिली सोखे अंग्रेज मां और भारतीय पिता की संतान थीं। उनके पिता लंदन में कानून की पढ़ाई करने गए थे। जहां से वो वकील बनकर लौटे। लिली सोखे कोलकाता की रहने वाली थीं। जहां से उन्होंने अपने नृत्य की दीक्षा ली थी। रूसी बैलेट डांसर अन्ना पैवलोवा से 1927 में मेनका की मुलाकात हुई। जिसके बाद उनकी जिंदगी की दिशा ही बदल गई। पहली मुलाकात में ही बैलेट डांसर अन्ना से मिलने के बाद मेनका का डांस के प्रति नजरिया ही बदल गया और उन्होंने डांस को अपना करियर बनाने की ठान ली। पैवलोवा ने ही मेनका को डांस अपनाने और करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
मेनका ने बंगाल में क्लासिकल डांस में महारत हासिल की। उन्होने पंडित सीताराम प्रसाद, महाराज बिहारी लाल मिश्र, लच्छू महाराज जैसे योग्य क्लासिकल डांस के गुरुओं से शिक्षा ली। मेनका ने इंटरनेशनल डांस ओलंपियाड में तीन पुरस्कार जीते। बता दें कि मेनका ने साहिब सिंह सोखे से शादी की थी। जो कि इंग्लैंड के परेल हैफकाइंस इंस्टीट्यूट में बायो केमिस्ट साहिब सिंह सोखे असिस्टेंट जनरल मैनेजर के तौर पर काम करते थे।
मैडम मेनका को पश्चिमी अखबारों में चॉकलेट लिली और टैंपल बायाडेरे के नाम से संबोधित किया जाता था। जनवरी 1936 में मेनका ने मुंबई से लेकर यूरोप तक अपनी परफार्मेंस दी थी। इसके साथ ही मेनका ने 175 स्टेज शो किए। 1936 में बर्लिन ओलंपिक में मेनका का देव विजय नृत्य प्रदर्शन देख लोग अभिभूत हो गए थे। और उन्हें इस डांस के लिए पहला स्थान मिला था। यहीं नहीं विदेश के साथ ही देश में भी मेनका को कई सम्मान से नवाजा गया था। जिसमे बंगाल म्यूजिक एसोसिएशन का गोल्ड मेडल भी शामिल था।
साभार अमर उजाला
विविध क्षेत्र
मैडम मेनका : वो इंडियन डांसर जिसने कत्थक को किया बर्लिन तक फेमस
- 13 May 2022