गत दिवस श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति के सभागार में पंडित सत्यनारायण सत्तन जी द्वारा रचित खंडकाव्य मंथरा के चयनित पदों का स्वर गान का आयोजन प्रति मंगलवार को किया जा रहा है । इसकी सातवीं कड़ी की प्रस्तुति के अवसर पर अतिथियों के मंचासीन उपरांत मां सरस्वती दीप प्रज्वलन एवं डॉ. शशि निगम द्वारा सरस्वती वंदना से प्रारंभ हुआ । अतिथियों का स्वागत शीतल पाटीदार एवं सोनम दीक्षित द्वारा किया गया । समिति की ओर से प्रधानमंत्री श्री अरविंद जवलेकर जी ने सभी का स्वागत किया । उपरांत श्री पुष्पेंद्र पुष्प द्वारा मंथरा के चयनित पदों का स्वरगान करते हुए प्रस्तुतीकरण दिया । इस कड़ी में मंथरा के उस चरित्र पर प्रकाश डाला जिसके आधार पर श्री राम को वनवास हुआ वनवास में ही वह श्री राम से मर्यादा पुरुषोत्तम राम बने तथा मंथरा के उपेक्षित पात्र पर खंडकाव्य के पदों के आधार पर विस्तार से प्रकाश डाला।भरत और कैकेयी के संवाद पर भी प्रकाश डाला। विशेष अतिथि के रूप में बोलते हुए श्रीमती सपना साहू साहित्यकार लेखिका द्वारा आज की इस प्रस्तुति पर अपने विचार व्यक्त किए और एक नकारात्मक पात्र से सकारात्मक वातावरण और परिस्थितियां कैसे बनी इस पर प्रकाश डाला । मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए डॉक्टर बरखा श्रीवास्तव सहायक प्राध्यापिका शासकीय महाविद्यालय सांवेर ने श्री पुष्पेंद्र पुष्प द्वारा प्रस्तुत आज की प्रस्तुति पर अपने विचार व्यक्त किया और कहा कि श्री सततन जी का लेखन अद्भुत है उसे व्यक्त करने का काम जो पुष्पेंद्र जी ने किया वह अद्वितीय है । वहीं अध्यक्ष उद्बोधन में डॉक्टर पदमा सिंह साहित्य मंत्री हिंदी साहित्य समिति द्वारा कहा गया कि सत्तन जी के इस खंडकाव्य की प्रथम कृति भी मेरे द्वारा देखी गई द्वितीय प्रकाशन के आधार पर श्री पुष्पेंद्र पुष्प द्वारा जो गान स्वर गान किया जा रहा है वह निश्चित रूप से सराहनीय है । कृतज्ञता की प्रस्तुति श्रीमती सपना साहू वरिष्ठ लेखिका द्वारा अलग अंदाज की गई एवं वंदे मातरम का गान भी उनके द्वारा किया गया । कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार काव्य रस संस्था के संस्थापक श्री राजेंद्र पांडे तपन द्वारा किया गया ।
यह आयोजन अद्भुत था इस आयोजन के सभी अतिथि यथा विशेष अतिथि मुख्य अतिथि और अध्यक्षता भी मातृशक्ति द्वारा ही की गई,स्वागत करने वाले भी सभी मातृशक्ति ,आभार व्यक्त करने वाले भी मातृशक्ति ही थी, मातृशक्ति का पूरा सम्मान था
इंदौर
मंथरा ने राम काज हेतु अपमान स्वीकार किया, मंथरा गान की सातवीं श्रंखला संपन्न हुई
- 28 Feb 2024