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मोदी बड़े खिलाड़ी...?

  • 11 Aug 2023

मोदी बड़े खिलाड़ी है... वह कईयों को राजनीति की क ख ग घ सिखाते हैं... सिखाते हुए दिखाई देते हैं... विपक्ष को नर्वस करने में माहिर भी है... दूर की गोटी बिठाते हैं... छोटे-मोटे मामले तो निर्मला जी ही निपटा लेते हैं.... उससे बड़ा कोई आए तो राजनाथ सिंह जी हैं...इससे भी बड़ा कोई मामला फंसे तो बड़े भाई मोटा....भाई यानी कि शाहजी है ही सही...लाइलाज कोई हो तो फिर वह...मोदी की चिकित्सा से निपट ही जाता है...।
खैर मैं बात कर रहा हूं... अविश्वास प्रस्ताव पर... मोदी जी का भाषण... जैसे मैंने कहा कि मोदी कलाकार है... वह बड़े खिलाड़ी है... खेल में माहिर है... जैसे एक सही पहलवान जो होता है... वह पहले सामने वाले खिलाड़ी को थका देता है... खुद की शक्ति बचा के रखता है... और फालतू के दाव पेच लगाता रहता है..  सामने वाला पहलवान पूरी ताकत खर्च कर देता है... फिर जब थक जाता है... तो यह खिलाडी अपने दाव चलकर पटकी देता है... कल मोदी जी ने भी यही किया...भाषण से ही गोल-गोल कितना पानी...की कहानी चलाते रहे..  कॉन्ग्रेस कॉन्ग्रेस...एक परिवार...इंडिया को घमंडी तक  घुमाते रहे... दांव चलते रहे...थक हारकर विपक्ष में लंबे भाषण के बाद गमन कर दिया... जो की मोदी भी यही चाहते थे...जब विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था... तब तक विश्वास वालों का ही विश्वास हिल गया... वही सदन में उपस्थित नहीं थे... यही खिलाड़ी की जीत थी...और जीत ही एक खिलाड़ी के लिए महत्वपूर्ण होती है...कैसे यह महत्वपूर्ण नहीं है... जीत जीत होती है...।
हालांकि कल के भाषण में कुछ था नहीं... जो था वह सब कुछ... मोदी के चक्रव्यूह की तरह था...पहले तो विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया... फिर बोर होकर कहें...या कहे मोदी की चाल में फंसकर...बहिर्गमन कर गए...तब मत का कोई अर्थ ही नहीं रहा... मतलब मोदी कलाकार है...अब कहेंगे कि वह मतदान के लिए ही सदन में मौजूद नहीं थे...शेष फिर...
-एल एन उग्र