दो-तीन घर में मिलकर ही निकल गए कमल नाथ। लोगों में नाराजगी, बाकलीवाल ओर अन्य नेताओं के जमघट से भी लोग नाराज।
इंदौर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने शनिवार को इंदौर में रामनवमी पर स्नेह नगर के बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे के घायलों और पीडि़त परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीडि़त परिजनों से बातचीत भी की। हालांकि उन्हें सभी घरों में जाना था, लेकिन वह दो-तीन घरों में जाकर लौट गए इससे लोगों में नाराजगी है।
परिजनों से मुलाकात के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा- स्थानीय रहवासियों ने अवैध निर्माण की शिकायत की है। सात दिनों में अवैध निर्माण तोड़ा जाए वरना अवैध निर्माण और दोषियों के खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। यह हादसा अवैध निर्माण का ही परिणाम है।
कमलनाथ ने रेस्क्यू ऑपरेशन की गति पर भी उठाए सवाल। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आएगी, तो हर जिले में रेपिड रेस्क्यू फोर्स का गठन किया जाएगा, जो 15 मिनट में मौके पर पहुंचेगी। सेना की टीम घटनास्थल पर 12 घंटे बाद पहुंची। तब तक कोई प्रबंध नहीं और इसे हम स्मार्ट सिटी कहते है। यह शर्म को बात है। लोगों ने बताया कि शिवराज जी ने हमसे बात नहीं की, हमारी सुनी भी नहीं। शिवराज जी केवल इवेंट और मीडिया के सामने दो बातें करते हैं। मुआवजे से सब कुछ साफ करते हैं।
इससे पहले उन्होंने एप्पल अस्पताल पहुंचकर बेलेश्वर महादेव मंदिर हादसे में घायल हुए लोगों से मुलाकात की एवं सभी का कुशलक्षेम जाना। इस दौरान उनके साथ शहर कांग्रेस के पदाधिकारी भी थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पटेल नगर पहुंचे। यहां उन्होंने पीडि़त परिवारों के घर जाकर सांत्वना दी। वह कच्छ पाटीदार समाज की धर्मशाला भी पहुंचे।
कमल नाथ के सामने नगर निगम और प्रशासन के खिलाफ फिर निकला पीडि़त परिवारों और समाज जन का गुस्सा। पर्याप्त नहीं थे बचाव के इंतजाम। कमलनाथ से नहीं मिलने और अपनी बात नहीं रख सकने को लेकर लोग नाराज। धर्मशाला में लोगों से मिलने का कार्यक्रम था, लेकिन दो-तीन घर में मिलकर ही निकल गए कमल नाथ। लोगों में नाराजगी, बाकलीवाल ओर अन्य नेताओं के जमघट से भी लोग नाराज।
बता दें कि रामनवमी पर स्नेह नगर के पटेल नगर के बेलेश्वर महादेव मंदिर में बनी बावड़ी की छत धंसने के कारण 30 से ज्यादा लोग बावड़ी में गिर गए थे। पहले दिन रेस्क्यू कर 18 लोगों की जान बचाई गई थी। लेकिन 36 लोगों की हादसे में मौत हो गई थी। सेना, एनडीआरएफ और नगर निगम ने करीब 26 घंटे तक रेस्क्यू आपरेशन चलाया था। हालांकि पहली सूचना के करीब डेढ़ घंटे के बाद हादसों के हताहतों को मदद मिली थी। सेना को करीब 12 घंटे के बाद रेस्क्यू के लिए बुलाया गया था।
इंदौर
मंदिर हादसा-सात दिनों में अवैध निर्माण तोड़े, नहीं तो कोर्ट जाएंगे- कमल नाथ
- 01 Apr 2023