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मंदसौर

मंदसौर की साध्वी हरिद्वार में 5वीं मंजिल से कूदी

  • 06 Oct 2021

8 पन्नों के सुसाइड नोट में लिखा- जो आत्महत्या करते हैं वो नर्क में जाते हैं
मंदसौर। मंदसौर की रहने वाली एक साध्वी ने हरिद्वार में पतंजलि योगपीठ की शाखा वैदिक कन्या गुरुकुल की 5वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली है। साध्वी 2018 में बाबा रामदेव से दीक्षा लेकर देवज्ञा बन गई थी। साध्वी देवज्ञा मंदसौर जिले के सेमलिया हीरा की रहने वाली थीं। उनका पूरा परिवार आध्यात्म से जुड़ा है।
यह घटना 3 अक्टूबर सुबह 4 बजे की बताई जा रही है। साध्वी ने यह कदम क्यों उठाया, फिलहाल इसका पता नहीं चल पाया है, लेकिन साध्वी के कमरे में रखे रजिस्टर से 8 पन्नों का एक सुसाइड नोट मिला है। सुसाइड नोट में भी साध्वी ने आत्महत्या की कोई वजह नहीं लिखी है। साध्वी के सुसाइड नोट में गायत्री मंत्र और संस्कृत श्लोकों के साथ धर्म और अध्यात्म की बातों के साथ ही अपनी इच्छा से आत्महत्या करने का उल्लेख किया है।
एक पन्ने पर साध्वी ने लिखा है कि जानती हूं कि जो आत्महत्या करते हैं वो अधोगति को प्राप्त करते हैं, पर संन्यास धर्म को बचाना है। संकल्प लिया था कि मैं संन्यास धर्म में ही मरूं। साध्वी ने एक जगह यह भी लिखा है कि योग की शक्ति से ही मरूंगीं, ताकि गलती होने के बाद भी योग से पार पाया जा सकता है।
साध्वी ने सुसाइड नोट में अपने सेवा कार्यों का भी विस्तार से जिक्र किया है। साध्वी देवज्ञा के साथ रहने वाली महिला सेवादारों ने बताया कि साध्वी देवज्ञा गुम-सुम रहती थीं। वह बहुत कम बोलती थीं। घटना वाली रात के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में काफी देर छत पर नजर आ रही हैं। वह बेचैन सी दिखाई दे रही थीं। हालांकि जहां से साध्वी ने छलांग लगाई, वह जगह कैमरे में नहीं आई है। घटना के बाद साध्वी को तत्काल भूमा निकेतन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिवार के 8 लोग अंतिम संस्कार में पहुंचे
राधा पाटीदार साल 2015 में वैदिक कन्या गुरुकुल हरिद्वार में अध्ययन के लिए आई थीं। साल 2018 में योग गुरु बाबा रामदेव से संन्यास लेकर साध्वी देवज्ञा बन गईं। इसके बाद साध्वी ने गुरुकुल सेवा कार्यों के साथ वहां एमए की पढ़ाई कर रही थीं। घटना के 2 दिन पहले ही साध्वी ने अपने परिवार वालों से बात की थी। परिजनों ने बताया कि जब राधा से बात हुई तो उन्हें इसका एहसास भी नहीं था कि वह ऐसा कदम उठा लेगी। घटना के बाद योग पीठ कार्यालय की सूचना पर साध्वी के माता-पिता सहित 8 परिजन हरिद्वार पतंजलि योगपीठ पहुंचे। यहां विधि-विधान से कनखल आश्रम के पास गंगा घाट पर पूरे वैदिक रीति-रिवाज से भाई नारायण, योग गुरु स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण ने मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।