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मानसून- बस थोड़ा और इंतजार, भोपाल, इंदौर-जबलपुर में अगले 48 घंटे में पहुंचेगा मानसून

  • 22 Jun 2024

शाजापुर-राजगढ़ में आज तेज बारिश का अलर्ट; ग्वालियर-दतिया में गर्मी रहेगी
भोपाल। मानसून के लिए बस थोड़ा और इंतजार करना होगा। मौसम प्रणालियां एक्टिव हैं और धीरे-धीरे मानसून भी सक्रिय हो रहा है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत 8 जिलों में अगले 48 घंटे में मानसून एंटर हो सकता है। इससे पहले यहां पर प्री-मानसूनी एक्टिविटी जारी रहेगी। पांढुर्णा, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में मानसून शुक्रवार को प्रवेश कर चुका है। शाजापुर, राजगढ़ में शनिवार को तेज बारिश होने का अलर्ट है। वहीं, ग्वालियर-दतिया में गर्मी का असर देखने को मिल सकता है।
इससे पहले गुरुवार-शुक्रवार की रात प्रदेश के 43 जिलों में बारिश हुई थी। भोपाल के बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) में 5 घंटे में 4.8 इंच बारिश दर्ज की गई थी। वहीं, सीहोर में 4 इंच बारिश हुई। इंदौर, उज्जैन, विदिशा, बालाघाट समेत अन्य जिलों में भी तेज और रिमझिम बारिश हुई थी। इसी बीच छह जिलों में मानसून ने प्रवेश कर लिया।
सीनियर वैज्ञानिक डॉ. वेदप्रकाश सिंह ने बताया, भोपाल, इंदौर, जबलपुर संभाग में अब मानसून पहुंचेगा। इसके बाद अन्य जिलों में आएगा। सबसे आखिरी में ग्वालियर-चंबल में मानसून पहुंच सकता है। सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि मानसून धीरे-धीरे आगे बढ़ेगा। इसे लेकर अब तक पॉजिटिव फीडबैक मिल रहा है।
कई शहरों में टेम्प्रेचर लुढक़ा
शुक्रवार को भी प्रदेश के कई शहरों में बारिश हुई। इनमें भोपाल, बैतूल, धार, इंदौर, खंडवा, उज्जैन, जबलपुर, मलाजखंड आदि शहर शामिल हैं। इस वजह से दिन के तापमान में खासी गिरावट हुई है। भोपाल में पारा 32.7 डिग्री, इंदौर में 31 डिग्री, ग्वालियर में 38.6 डिग्री, जबलपुर में 35.4 डिग्री, उज्जैन में पारा 33 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सबसे ठंडा पचमढ़ी रहा। यहां 30.8 डिग्री टेम्प्रेचर रहा। धार में 31.3 डिग्री और खंडवा में 31.5 डिग्री दर्ज किया गया। मंडला में सबसे ज्यादा 43.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
किसानों को यह सलाह
मानसून के आने के बाद जून के आखिरी या जुलाई के दूसरे सप्ताह तक का समय बोवनी के लिए उपयुक्त है। जब 4 इंच बारिश हो जाए तो किसान बोवनी कर सकते हैं।
पर्याप्त बारिश होने या फिर सिंचाई की सुविधा होने पर 23 जून के बाद धान की नर्सरी के लिए किसान खेत तैयार कर लें।
कपास या सोयाबीन की बोवनी मानसून आने के पश्चात भूमि में पर्याप्त नमी होने पर ही करें।
अरहर की बुवाई के लिए खेत की तैयारी करें। जिन किसानों के पास सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो, वे हरी खाद के लिए मक्का या ढैंचा की बोवनी करें।