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भोपाल

मानसून में आसमान से गिर रही आफत ले रही लोगों की जान ... मप्र में 36 दिन में 90 मौतें

  • 11 Jul 2022

बीते तीन साल से मौत का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है
भोपाल। इस बार मानसून में बिजली कहर बनकर टूट रही है। जगह-जगह पर मानसूनी बारिश के बीच बिजली गिरने के कारण लोगों की जान भी जा रही है। इस प्राकृतिक आपदा का शिकार छतरपुर में सबसे अधिक 9 लोग हुए हैं, जिनकी जान ही चली गई। बिजली के कारण इस मानसून में 36 दिन में मप्र में 90 लोग जान गंवा चुके हैं। सबसे ज्यादा छतरपुर में 9 और छिंदवाड़ा में 6 लोगों की मौत हुई है। बीते 50 साल की बात करें, तो पिछले तीन साल से मौत का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रहा है।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इस तरह की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। बीते वर्ष पूरे सीजन में 116 लोगों की मौत हुई थी। यह बीते 50 साल में सबसे ज्यादा थी। इस साल अभी तक ही करीब 90 लोगों की जान आकाशीय बिजली ले चुकी है।  प्रदेश भर में सबसे ज्यादा मौतें छतरपुर में 9 हुईं। इसके बाद छिंदवाड़ा में 6 और बालाघाट में 5, रीवा में 4 लोगों की जान बिजली गिरने से हुई। अधिकांश इलाकों में बिजली गिरने से पहले अधिकतम तापमान 38 डिग्री से 45 डिग्री के बीच रहा। इससे ज्यादा हीट बनने से तेजी से गर्म हवा ऊपर उठी। इससे बादलों की मोटाई 6 किलोमीटर तक होने से इन इलाकों में बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादा हुईं।
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि आसमान से गिरने वाली यह बिजली बहुत पावरफुल होती है। चार्ज होने के बाद यह जमीन पर गिरकर डिस्चार्ज हो जाती है। इसका पॉजिटिव चार्ज बादल के ऊपरी तरफ चला जाता है। निगेटिव चार्ज नीचे साइड बन जाता है। निगेटिव चार्ज पॉजिटिव चार्ज की तरफ बढ़ता है। जमीन पर हवा चलने से पेड़-पौधों और ऊंचे स्थानों पर भी पॉजिटिव चार्ज जमा हो जाता है। इससे जमीन पर मौजूद पॉजिटिव चार्ज बादल के निगेटिव चार्ज को अपनी ओर आकर्षित करता है। इससे भयानक लाइटनिंग स्ट्राइक्स उत्पन्न होती है। हम बिजली गिरना भी कहते हैं, इसलिए आसमान से जमीन पर बिजली गिरती है। यह मुख्य रूप से पहाड़ी इलाकों, जंगल, हरियाली (पेड़), जलाशय और ऊंचाई वाली बिल्डिंग पर गिरती है।
इससे कैसे बचा जा सकता है
बिजली गिरने की संभावना में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, बरामदे, छत, धातु से बने सामान, पेड़, बड़ी और ऊंची इमारत और नदी या तालाब के पास जाने से बचना चाहिए। बारिश के दौरान खुली छत वाले वाहनों का उपयोग न करें। बाइक, बिजली या टेलीफोन का खंभा तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें।