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इंदौर

मोबाइल बैंकिंग एप से 40 लाख 50 हजार की धोखाधड़ी

  • 06 Oct 2021

रूपयें निकालने की फिराक में बैंक के आसपास मंडरा रहा था,गिरफ्तार
इंदौर । डिजिटल की तरफ बढ़ते लोगों के साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में भी बढ़ोतरी होने लगी है, इसमें सायबर सेल से जुड़े ठगी के कई मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन राज्य साइबर सेल द्वारा त्वरित कार्रवाई कर मामलों में संज्ञान लेते हुए आरोपियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई कर मामलों पर अंकुश लगाया जा रहा है। हाल ही में लगभग 40 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आने पर साइबर सेल अधीक्षक जितेंद्र सिंह द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया गया है।
 पुलिस महानिदेशक सायबर सेल योगेश देशमुख द्वारा हाल में नवीन पध्दति एवं कार्य प्रणाली का उपयोग कर आर्थिक सायबर अपराध में संलिप्त होकर ठगी से संबंधित अपराधों के त्वरित निराकरण के निर्देश दिए गए थे । इसी परिप्रेक्ष्य में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर सेल इंदौर , जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 3 अक्टूबर को फरियादी डाक्टर आनंद कुमार जैन , संचालक लक्ष्मी मेमोरियल हास्पिटल इंदौर ने राज्य सायबर सेल जोलन कार्यालय उपस्थित होकर लिखित आवेदन पत्र प्रस्तुत किया कि उनके ओ . डी . बैंक खाते से बिना जानकारी के 30 सितंबर  से दिनांक 2 अक्टूबर तक लगातार अलग- अलग खातों में कुल 4050000 रुपये का ऑनलाईन ट्रांजेक्शन हुआ है । शिकायत की गंभीरता को देखते हुए निरीक्षक राशिद अहमद एवं सहा . उप निरीक्षक रामपाल को शिकायत जांच में त्वरित कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया । शिकायत जांच में पाया कि आवेदक के ओ.डी . बैंक खाते से , एस बी आई बैंक ,पत्रकार कालोनी इंदौर ,आई सी आई सी आई  बैंक मालव परिसर इंदौर , बैंक आफ बड़ौदा सुखलिया इंदौर शाखा , बैंक आफ इंडिया ए बी इंदौर शाखा , कर्नाटक बैंक विजय नगर इंदौर , पंजाब नेशनल बैंक मनोरमागंज इंदौर , पंजाब नेशनल बैंक विजय नगर इंदौर के खाता के खातों में रूपयों का ऑनलाइन ट्रांजेक्शन किया गया है । प्रथम दृष्ट्या उपरोक्त संदिग्ध खातों के उपयोगकर्ताओं के विरुध्द अपराध धारा 43/66 , 66 सी , 66 डी आई.टी. ,एक्ट , 419 , 420 , 34 भादवि के पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध होने की दशा में अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया । विवेचना के दौरान यह बात संज्ञान में आयी कि फरियादी का एक्सीस बैंक ब्रांच बाम्बे हॉस्पिटल मे ओ.डी. अकाउंट ओपन किया गया था जिसमें अकाउंट की लिमिट 85 लाख रूपयें की थी । फरियादी डॉ आनंद कुमार जैन संचालक ने अपने मोबाइल फोन पर बैंक अकाउंट ओपन करके देखा कि उनके अकाउंट से  30 सितंबर से रूपयों का ट्रांजेक्शन लगातार हो रहा है तथा किसी भी ट्रांजेक्शन का एसएमएस अथवा ओटीपी मोबाइल फोन पर प्राप्त नही हुआ है । तुरंत शेष राशि लगभग 45 लाख रूपयें फरियादी द्वारा अन्य बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जिसके कारण फ्रॉड होने से बच गया तथा विवेचना में प्राप्त साक्ष्य संदिग्ध बैंक अकाउंट की जानकारी प्राप्त की गई तथा सभी बैंक अकाउंट को तत्काल फ्रीज कर राशि की निकासी रूकवायी गई । सायबर टीम के द्वारा सभी संदिग्ध बैंक खाता धारकों की जानकारी प्राप्त कर सायबर ऑफिस पूछताछ हेतु लाया गया । संदिग्धों क्रांति उज्जैनी , आकाश परिहार , विवेक धसाल तथा चंद्रशेखर परिहार से पूछताछ की गई । जिसमें बताया कि अनिल कछवाय ने हमारे बैंक खातों में रूपयें ट्रांसफर किए थे । संदिग्धों के बताये अनुसार अनिल कछवाय बैंक से रूपयें निकालने की फिराक में बैंक के आसपास मंडरा रहा था । उसी दौरान सायबर टीम ने उसे घेराबंदी कर पकड़ कर पूछताछ करने के लिए सायबर कार्यालय लेकर आए । पूछताछ पर उसने बैंक से पैसा ट्रांसफर करना स्वीकार । पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में निरीक्षक राशिद अहमद , सउनि रामपाल , आर . विक्रांत तिवारी , सायबर सेल की टीम गठीत की गई एवं टीम द्वारा तत्वरीत कार्यवाही कर फरियादी के ओ . डी . अकाउंट से फ्रॉड ट्रांजेक्न के रूपयें सभी बैंकों में आवकाश वाले दिन रविवार को फ्रॉड की सम्पूर्ण राशि 40 लाख 50 हजार रूपयें रूकवा दी गई । संपूर्ण प्रकरण में एक्सीस बैंक की भूमिका संदेह के घेरे में प्रतीत होने से आईटी एक्ट की धारा 85 के अंतर्गत बैंक को नोटिस जारी कर स्तिथि स्पष्ट करने के लिए कहा गया है ।