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सागर

मां-बाप को गोली मारी, छोटे भाई की गर्दन मरोड़ी

  • 18 May 2023

नाबालिग को 3 बार उम्रकैद; कोर्ट ने कहा- नरमी बरती तो समाज में गलत मैसेज जाएगा
 सागर। 17 साल के बेटे ने 1500 रुपए के लिए अपनी मां का गला दबाया, बेहोश हुई तो गोली मार दी। पिता ड्यूटी से घर लौटे। दरवाजा खोला तो अंदर खून के धब्बे दिखे। वो कुछ समझ पाते, इसके पहले ही नाबालिग बेटे ने उनके सीने में गोली मार दी। माता-पिता के शव को एक कमरे में ले जाकर दरवाजा बंद कर दिया। थोड़ी देर छोटा भाई ट्यूशन से लौटा तो उसकी गर्दन मरोड़कर हत्या कर दी।
ये सनसनीखेज ट्रिपल मर्डर की घटना सागर जिले में जनवरी 2020 की है। तीन साल बाद 9 मई को बालक न्यायालय, नवम अपर सत्र न्यायाधीश सागर ने नाबालिग को तीनों हत्याओं को लिए अलग-अलग उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने फैसले में आरोपी के साथ नरमी नहीं बरते जाने को लेकर टिप्पणी भी की।
बालक ने जिस प्रकार से अपने माता-पिता और भाई की मृत्युकारित की है, वह उसके कानून के प्रति उपेक्षापूर्ण व दु:साहसी मानसिकता को दशार्ता है। यदि बालक को परिवीक्षा का लाभ दिया गया तो समाज में न्याय व्यवस्था के प्रति प्रतिकूल संदेश जाएगा। अत: उसे परिवीक्षा अधिनियम के प्रावधानों का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है। माता-पिता और भाई की हत्या के संबंध में भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 302 व 201 के अंतर्गत दंडनीय अपराध का दोष सिद्ध पाया जाता है।