जज की कार छीनने वाले के पिता का आॅपरेशन हुआ, बेटे के जेल जाने से अनजान
शिवपुरी। शिवपुरी की पीके यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. रणजीत सिंह यादव की जान बचाने के फेर में दो स्टूडेंट्स को जेल जाना पड़ा। उन पर डकैती का केस दर्ज किया गया है। इनमें से एक छात्र शिवपुरी का रहने वाला है। इकलौते बेटे के जेल जाने की सूचना पिता को नहीं दी गई है।
पिता के ब्रेन का आॅपरेशन हुआ है। अब बेटी ही सबकुछ कर रही है। मां का कहना है कि जज साहब बेटे को माफ कर दें, उसने किसी की जान बचाने के लिए यह सब किया है।
दरअसल, सोमवार 11 दिसंबर को तड़के 4 बजे ट्रेन में हार्ट अटैक आने पर कुलपति की जान बचाने के लिए उन्हें अस्पताल पहुंचाने हिमांशु श्रोत्रिय और सुकृत शर्मा ने हाईकोर्ट जज की कार छीनी थी। मामले में उन पर केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। कोर्ट ने जमानत भी खारिज कर दी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डीजीपी से कहा कि युवकों पर डकैती की धारा लगाना न्यायोचित नहीं लगता। वे आपराधिक पृष्ठभूमि के नहीं हैं। युवकों ने मानवीय दृष्टि से तो सही कार्य किया, लेकिन उनका तरीका गलत था। संपूर्ण परिस्थितियों को देखते हुए जांच के पश्चात कार्यवाही करना ठीक होगा, इसलिए जांच कराएं।
मंगलवार को जेल भेजे गए दोनों लॉ छात्रों की रात वहीं गुजरी। बुधवार सुबह बुखार आने और घबराहट होने की शिकायत पर जेल प्रबंधन ने उन्हें ग्वालियर में न्यू जेएएच के आईसीयू में भर्ती कराया।
मां बोली- उन्हें नहीं पता था, कार किसकी है
शिवपुरी के टीवी टॉवर के रहने वाले सुकृत शर्मा की मां अंजना शर्मा ने कहा- बेटा दिल्ली में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के तीन दिवसीय सम्मेलन में शामिल होने दिल्ली गया था। सम्मेलन में शामिल होकर 14 साथियों के साथ रविवार रात दिल्ली से दक्षिण एक्सप्रेस से ग्वालियर के लिए रवाना हुए थे। आगरा के पास रात में अचानक शोर हुआ। पता चला कि कोच में कोई व्यक्ति बेहोश हुआ है।
शिवपुरी
मां बोली- बेटा बेगुनाह, वह जान बचाना चाहता था
- 18 Dec 2023