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इंदौर

मामला आदिवासी भाइयों से मारपीट का ... आरोपियों पर रासुका लगाओ, घर तोडऩे की मांग

  • 10 Jul 2023

इंदौर। राऊ में आदिवासी भाइयों को बेरहमी से पीटने के मामले में देर रात चौथे आरोपी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इधर आदिवासी नेताओं ने आरोपियों पर रासुका लगाने और उनके घर तोडऩे की मांग की है।
राऊ थाना क्षेत्र के ट्रेजर फंटेंसी में एक नाबालिग लडक़े और उसके भाई शंकर दोनों निवासी ग्राम करमदिया नालछा धार के साथ आरोपी सुमित चौधरी और उसके साथियों ने बुरी तरह तरह मारपीट की थी। दोनों भाई बड़े अस्पताल के वार्ड17 तीसरी मंजिल में भर्ती हैं। गाड़ी से गिरने के बाद हुई मामूली कहासुनी के बाद आरोपियों ने बंधक बनाकर वारदात को अंजाम दिया गया था।
 अगली सुबह दोनों भाई जैसेतैसे वहां से बचकर निकले तो इसके बाद मारपीट का वीडियो जो आरोपियों के साथी ने बनाया था वह वीडियो धार के आदिवासी परिवार तक पहुंचा और मामला जयस की जानकारी में आया और उसके बाद वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जैसे ही पुलिस की जानकारी में मामला आया वैसे ही आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज कर और उन्हें पकड़ लिया गया। तीनों आरोपियों को शाम को गिरफ्तार कर लिया गया और देर रात चौथे को पकड़ लिया गया।
लगातार हो रहे अत्याचार
जयस के मध्य प्रदेश मीडिया प्रभारी शुभम बुंदेला ने मांग की कि सभी आरोपियों पर रासुका की कार्रवाई की जाए साथ ही उनके घर भी तोड़े जाए । बुंदेला का कहना है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर लगातार अत्याचार हो रहे है, पहले सीधी कांड, फिर इंदौर में आदिवासी नाबालिग बच्ची से रेप का मामला, ग्वालियर में जूते चप्पल की माला पहनाने का मामला और अब राऊ में आदिवासी भाइयों को बंधक बनाकर मारपीट का मामला है। जयस का कहना है कि आदिवासियों पर अगर अत्याचार बंद नहीं हुए तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा । कल रात जब हरा उठाने पर कार्रवाई चल रही थी तब आदिवासी विधायक पांसीलाल मेड़ा भी वहां पहुंचे थे।
51-51 सौ र एसडीएम ने दिए
आदिवासी मजदूर भाइयों को अगवा कर बेरहमी से पीटने के मामले में एसडीएम ने घायलों को 51-51 सौ रुपए दिए हैं।  कल अखिल भारतीय बलाई महासभा के अध्यक्ष मनोज परमार उनसे मिलने गए थे। उन्होंने राऊ एसडीएम विजय कुमार मंडलोई से बात की। मंडलोई ने दोनों भाइयों की पांच-पांच हजार रुपए की प्रशासन की और से मदद की है। एडीएम अभय बेडेकर से भी बात की। उनसे कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत सरकार से इन्हें पौन-पौन लाख रुपए की मदद दिलाई जाए। अपर कलेक्टर ने सरकार को मामला भेजकर मदद दिलाने की बात कही है।