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इंदौर

मामला नाबालिग छात्रा को दिल्ली लेकर जाने का ... नाबालिग का चालान बाल न्यायालय भेजा

  • 09 Aug 2021

दोनों के परिजनों ने लगाए थे एक-दूसरे पर आरोप
इंदौर। अपनी हमउम्र नाबालिग छात्रा को गुरुग्राम लेकर गए नाबालिग का चालान पुलिस ने बाल न्यायालय भेज दिया है। मामला सामने आने पर दोनों परिवारों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए थे।
नाबालिग छात्रा के पिता पीथमपुर की एक फैक्टरी में काम करते हैं। छात्र के पिता को इंदौर में बड़ा कारोबार है। करीब एक माह पहले देहली पब्लिक स्कूल में पढऩे वाला छात्र आयुष(परिवर्तित नाम) 15 साल की नाबालिग को यह कहकर ले गया था कि देवास तक घुमकर आते हैं। नाबालिग छात्रा उसकी बातों में आकर चली गई थी। देवास से नाबालिग उसे जयपुर ले गया था। वहां पैसे खत्म होने पर छात्र ने लेपटाप बेच दिया था। करीब पांच दिन वे इधर-उधर घुमते हुए गुरुग्राम पहुंच गया था। उधर, दोनों के परिजनों ने काफी तलाशने के बाद थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी थी। पुलिस ने भी काफी प्रयास किए, मगर उनका पता नहीं चल सका। इसी बीच, छात्रा को उसके पिता की याद आई तो उसने पिता को फोन लगाकर बुला लिया। पिता के साथ एमआईजी पुलिस भी पहुंची और दोनों को इंदौर लाया गया। यहां छात्रा और छात्र के परिजनों ने अलग-अलग बयान पुलिस को दिए।
पुलिस ने दोनों के बयान लिए। छात्रा ने अपने बयान में कहा कि वह अपनी मर्जी से गई थी। छात्रा के बयान के कारण छात्र की गिरफ्तारी नहीं की। बयान की कॉपी चालान डायरी में लगाकर बाल न्यायालय भेज दी है।
विनोद दीक्षित, थाना प्रभारी एमआईजी।
छात्रा ने खुद जाने को कहा होगा तो छात्र की गिरफ्तारी नहीं होगी। यदि बयान विरोधीभासी हुए तो पुलिस को गिरफ्तारी का अधिकार है। छात्र को पकड़कर कोर्ट में पेश किया जाता है।
संतोष जादौन, एडवोकेट