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इंदौर

मामला युवती की हत्या का ... पहले भी आरोपी से पुलिस ने की थी पूछताछ

  • 01 May 2023

प्रेमिका ने शादी के लिए दबाव डाला तो गला घोंटकर कर दी मौत के घाट उतार दिया
इंदौर। हीरानगर से लापता युवती की हत्या का तीन साल बाद पर्दाफाश हुआ है। युवती का शादीशुदा युवक से प्रेम संबंध था। वह शादी का दबाव बना रही थी, युवती ने दुपट्टे से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। दो दोस्तों को बुलाकर शव नाले के पास गाढ़ दिया। शंका में पुलिस ने पहले भी आरोपी से पूछताछ की थी, लेकिन कुछ हासिल नहीं कर पाई। एक साल बाद युवती का कंकाल मिला और अब आरोपी हिरासत में आए है।
डीसीपी निमिष अग्रवाल के मुताबिक, अर्चना नामक युवती की हत्या के मामले में विशाल उर्फ अक्कू निवासी कुलकर्णी का भट्टा, सत्यनारायण सोलंकी निवासी शिप्रा और शिवनंदन उर्फ जान निवासी एमआर-10 को हिरासत में लिया है। मई 2020 में युवती लॉक डाउन के दौरान लापता हुई थी, दस दिन बाद परिजनों ने हीरानगर थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी। उस समय विशाल पर शंका जताई गई, पुलिस ने पूछताछ भी की लेकिन कुछ पता नहीं चला।
मई 2021 में परदेशीपुरा में सडक़ निर्माण व नाला चौड़ीकरण का काम हुआ तो खुदाई में युवती के शरीर के एक हिस्से का कंकाल भी मिला लेकिन गुत्थी नहीं सुलझी। हाल ही में क्राइम ब्रांच को युवती को लेकर पुख्ता सूचना मिली। सूचना पर काम करते हुए पुलिस ने आरोपियों को पकडकऱ पूछताछ की तो उन्होंने हत्या करना कबूल लिया।
परदेशीपुरा पंकज द्विवेदी के मुताबिक, विशाल ने दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या करना कबूल लिया है। आरोपी शादी शुदा है और तीन बच्चों का पिता है। उसका युवती से प्रेम संबंध हो गया था। बाद में युवती शादी के लिए दबाव डाल रही थी जिसके कारण घर में विवाद हो रहा था। घटना वाले दिन युवती आरोपी के घर आई तो उसने गला घोंटकर हत्या कर दी। उसने दोस्तों सत्यनारायण व शिवनंदन को बुलाया और रात के समय नाले किनारे गड्ढे में गाढ़ दिया था। पुलिस अब युवती की शिनाख्त के लिए परिवार के सदस्य का डीएनए टेस्ट कराएगी।
कोरोना के लॉक डाउन के दौरान आरोपी ने हत्याकांड को अंजाम दिया। आरोपी विशाल पर शराब तस्करी व अन्य कई आपराधिक मामले दर्ज है। वह युवती के रिश्तेदार का दोस्त भी था। जब युवती लापता हुई तो उस पर शंका भी जाहिर की गई थी, पूछताछ के बाद पुलिस कुछ हासिल नहीं कर पाई। गुमशुदगी थाना हीरानगर में दर्ज हुई थी। एक साल में कंकाल मिला तो वह परदेशीपुरा थाने में था। अफसरों का मानना है कि दो थानों की उलझन में समंवय नहीं बना और मामले में गंभीरता नहीं दिखाई गई जिससे कारण तीन साल बाद खुलासा हुआ।