मध्यप्रदेश में कल से फिर होगी बारिश:
भोपाल। मध्यप्रदेश में दो दिन की राहत के बाद शुक्रवार से फिर बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है। बंगाल की खाड़ी से नया सिस्टम बन रहा है, जो 31 अगस्त तक एक्टिव रहेगा। यह सिस्टम भोपाल और नर्मदापुरम संभाग को फिर भिगोने वाला है। इंदौर-उज्जैन संभाग समेत प्रदेश के अन्य जिले भी भीगेंगे, लेकिन थोड़ा कम। उधर, बेतवा, चंबल, पार्वती समेत अन्य नदियों में उफान से सागर, मुरैना, विदिशा, रायसेन समेत प्रदेश के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं। मुरैना-श्योपुर में अब तक 5500 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।
पूर्वी मध्यप्रदेश और इसके बाद अन्य हिस्सों में बारिश होगी
प्रदेश में 19 से 22 अगस्त के बीच मानसून का स्ट्रॉन्ग सिस्टम बना था, जिसने प्रदेश को तरबतर कर दिया। भोपाल में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। समरधा टोला, पड़रिया जाट, जमुनिया समेत कई गांव टापू बन गए हैं। वहीं, विदिशा, रायसेन, गुना, राजगढ़, सागर, भिंड, सीहोर, नर्मदापुरम, जबलपुर, शाजापुर, देवास, मंदसौर, रतलाम, आगर-मालवा आदि जिलों में भी बाढ़ के हालात बन गए। मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह ने बताया कि नए सिस्टम से भारी बारिश होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। 26 अगस्त को पूर्वी मध्यप्रदेश और इसके बाद अन्य हिस्सों में बारिश होगी।
भिंड-मुरैना के हालत खराब
मंदसौर में गांधी सागर और कोटा बैराज से लगातार 2.50-2.50 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल में बाढ़ है। बुधवार शाम 7 बजे मुरैना में राजघाट पर चंबल नदी का जलस्तर 144 मीटर पर पहुंच गया, जो खतरे के निशान 138 मीटर से 6 मीटर अधिक है। चंबल में आई बाढ़ से मुरैना के सबलगढ़, जौरा, अंबाह-पोरसा क्षेत्र के 30 से अधिक गांवों में घुस गया। इन गांवों में रहने वाले 500 परिवारों को रेस्क्यू कर राहत कैंपों में भेजा गया। वहीं, जौरा में वेदपुरा गांव में बाढ़ आ गई। यहां ऊंचे टीलों पर चढ़े 50 से अधिक महिलाओं, ग्रामीणों और बुजुर्गों को मोटर बोट की मदद से रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। एनडीआरएफ की 6 टीमों को बाढ़ से अत्यधिक प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया है। उधर, भिंड जिले में भी चंबल रौद्र रूप दिखाने लगी है। यहां 20 से ज्यादा गांव के रास्ते बंद हो गए हैं।
श्योपुर में 5 हजार लोगों का रेस्क्यू
श्योपुर में भी 40 गांव पार्वती और चंबल नदियों की बाढ़ की जद में आ गए। यहां से 5 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने चंबल और पार्वती नदी की बाढ़ से घिरे छह गांवों का दौरा कर वहां फंसे लोगों तक भोजन और राहत सामग्री पहुंचाई।
बेतवा नदी के उफान से 41 गांव प्रभावित
बीना तहसील के ढिमरोली में दस मकान को छोड़कर बाकी 124 परिवार अभी भी बाढ़ के पानी से घिरे हैं। बेतवा किनारे बसे लखाहार, ढाना, सिरचौपी, बगसपुर और कंजिया भी प्रभावित हुए हैं। बेतवा के दोनों ओर अभी भी दो किलोमीटर का पूरा क्षेत्र पानी में डूबा है, जिससे फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। बीना तहसीलदार सतीष वर्मा ने बताया कि पानी उतर रहा है, जल्द ही रास्ते चालू हो जाएंगे। जो लोग अभी पानी में घिरे हैं, उन्हें सुबह-शाम खाने के पैकेट पहुंचा रहे हैं। क्षेत्र के 41 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
ग्वालियर की ट्रेनों का रूट बदला
ग्वालियर में गुना ट्रैक से होकर जाने वाली ट्रेनें 30 अगस्त तक बदले हुए मार्ग से चलेंगी। पश्चिम मध्य रेल के गुना-मक्सी रेल खंड पर विजयपुर-कुंभराज स्टेशन के मध्य स्थित पार्वती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इससे रेल ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके चलते रेलवे ने कुछ ट्रेनों को निरस्त किया है तो कुछ का रूट बदला है। ग्वालियर से होकर शिवपुरी, गुना के रास्ते इंदौर, बांद्रा, उज्जैन जाने वाली ट्रेनों के मार्ग 30 अगस्त तक के लिए बदल दिए हैं। इनमें ग्वालियर-रतलाम, भिंड-रतलाम एक्सप्रेस सहित कई अन्य ट्रेनें शामिल हैं।
सीएम बोले- पारदर्शिता-न्याय के साथ हो नुकसान का सर्वे
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बाढ़ का पानी उतरने के 48 घंटे में जिला प्रशासन को साफ-सफाई के साथ पेयजल और बिजली की व्यवस्था बहाल करनी होगी। उन्होंने कहा कि फसलों के साथ अन्य नुकसान का जो भी सर्वे हो, उसमें पूरी तरह पारदर्शिता होनी चाहिए। पेयजल और बिजली आपूर्ति बहाल करने, क्षतिग्रस्त सड़कों, टूटे पुल-पुलिया सुधारने और स्वच्छता के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जाए। बाढ़ से ज्यादा प्रभावित परिवारों के लिए आगामी कुछ दिनों की भोजन की व्यवस्था जिला प्रशासन करें। इसके बाद सूखा राशन उपलब्ध कराया जा सकता है। इस साल असामान्य वर्षा हुई है। लिहाजा बांधों का निरीक्षण कराया जाए।
भोपाल
मुरैना-श्योपुर के 70 गांव बाढ़ की चपेट में; 5500 परिवारों को शिफ्ट किया
- 25 Aug 2022