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इंदौर

मालवा-निमाड़ में औवेसी की पार्टी बिगाड़ेगी कांग्रेस का समीकरण

  • 08 Jun 2023

ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का  इंदौर और खंडवा पर ज्यादा फोकस
- कम वोटों से हार-जीत और मुस्लिम बहुल 10 सीटों पर एआईएमआईएम उतारेगी कैंडिडेट
इंदौर। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) मालवा-निमाड़ की 10 सीटों सहित मध्य प्रदेश की कुल 15 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड?े जा रही है। एआईएमआईएम ने चुनाव लड?े की तैयारी शुरू कर दी है। खासतौर पर उनकी नजरें मालवा-निमाड़ की उन सीटों पर है जहां कांग्रेस और भाजपा में जीत-हार का अंतर 10 हजार वोटों से भी कम का है।
एआईएमआईएम विधानसभा चुनाव में इंदौर और खंडवा पर ज्यादा फोकस होकर काम कर रही है। इसमें इंदौर की 3 सीटें और खंडवा की 2 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी है। ओवैसी जिन सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयार कर रही है उन सीटों पर या तो वर्तमान में कांग्रेस के विधायक हैं या फिर कांग्रेस उन सीटों पर बहुत कम अंतराल से चुनाव हारी है। एआईएमआईएम के खंडवा नगर अध्यक्ष जाहिद अहमद खान का कहना है कि पार्टी ने मप्र में विधानसभा चुनाव लड?े की तैयारी शुरू कर दी है। हम मप्र की 15 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुनाव लड़ेंगे। जिनमें खंडवा की दो सीटे खंडवा और मांधाता, इंदौर की चार इंदौर 1, 5, 3 और राऊ, भोपाल की 1 सीट के साथ ही जबलपुर, बुराहनपुर, ग्वालियर ग्रामीण, जावरा, खरगोन, धार, महू, मंदसौर और नीमच में प्रत्याशी उतार चुनाव लड़ेंगे।
 कांग्रेस को होगा नुकसान
एआईएमआईएम का मप्र विधानसभा में चुनाव लड?े पर राजनीतिज्ञ विशेषज्ञों का कहना है कि ओवैसी की पार्टी प्रदेश की उन सीटों पर कांग्रेस और भाजपा का गणित बिगाड़ेगी। खासकर वहां जहां पर हार-जीत का मार्जिन 10 हजार वोटों से कम का है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर ज्यादा फोकस होकर चुनाव लड़ेगी जहां पर 5 हजार से 10 हजार वोटों से परिणाम को बदला जा सकेगा। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रदेश में एआईएमआईएम चुनाव लड़ती है तो इससे कांग्रेस को नुकसान होगा। क्योंकि हाल ही में मप्र में हुए नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएम ने बुरहानपुर में कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया था। यहां पर ओवैसी की पार्टी की महापौर प्रत्याशी ने 10 हजार वोट से जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार का अंतर सिर्फ 500 वोट से भी कम था। वहीं 7 पार्षद जो जीते थे उनकी वजह से ही कांग्रेस के पार्षदों को हार का सामना करना पड़ा था।
मप्र में तीसरी पार्टी का स्कोप नहीं
-  कांग्रेस नेता दीपक पिंटू जोशी ने कहा कि मप्र में इस बार एक तरफा कांग्रेस का माहौल है। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी लड़ाई है। यहां पर तीसरी पार्टी का कोई स्कोप नहीं है। 2014 से पहले इस पार्टी का नाम किसी ने सुना नहीं था।
- भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता गोविंद मालू ने कहा कि ओवैसी की पार्टी आए या कोई और पार्टी आ जाए भाजपा को इन पार्टियों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। हमें अपने काम और जनता पर पूरा भरोसा है। भाजपा पार्टी किसी से घबराने वाली नहीं है। कांग्रेस अपना घर देखें।
- कांग्रेस प्रवक्ता अमीनुल खान सूरी ने बताया कि जब जब भाजपा की जमीन खसकने लगती है, वह चुनाव हारने जाती है तब तक वह ओवैसी जैसी बी टीम को आगे कर देती है। लेकिन अब जनता समझदार हो गई है। मप्र की जनता पूर्ण बहुमत के साथ इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनवाने जा रही है।